Chhattisgarh

विधान सभा में छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी (संशोधन) विधेयक 2024 बहुमत से पारित

विधान सभा में छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी (संशोधन) विधेयक 2024 बहुमत से पारित

रायपुर, 25 जुलाई (Udaipur Kiran) ।विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान गुरुवार को छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी (संशोधन) विधेयक 2024 बहुमत से पारित हो गया।कांग्रेस ने विधेयक का विरोध किया । विपक्ष की मांग पर हुए मतदान में विधेयक के पक्ष में 47 और विपक्ष में 27 मत पड़े। इसके साथ ही सदन में संशोधन विधेयक पारित हो गया।भाजपा की तरफ से 7 और कांग्रेस की तरफ से 8 विधायक सदन में मौजूद नहीं थे।

इससे पहले संशोधन विधेयक का विरोध करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि मंडी फीस के जगह कृषक कल्याण कह दिया। जियो जब शुरू हुआ तो फ्री में दिया गया था।आज पूरे मार्केट में सबसे ज्यादा कब्जा इनका है, और अब सबसे महंगा यही । हिमाचल में क्या हुआ। वही बड़े लोग रेट खोल रहे हैं। औने-पौने दाम में हिमाचल में सेव बेचने के लिए किसान मजबूर हैं।

भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि कुरुद में 20 ई मंडी संचालित हैं। यह संशोधन इसलिए आया है, ताकि प्रदेश के मंडी के किसान भी राष्ट्रीय कृषि बाजार में व्यापार कर सकें। किसानों का कहीं से अहित नहीं है।इस पर भूपेश बघेल ने कहा कि इस संशोधन विधेयक में यह जोड़ दीजिए कि समर्थन मूल्य से नीचे कोई नहीं खरीद सकेगा।छत्तीसगढ़ का पशुधन बाहर जाएगा। यहां से ट्रकों में भरकर पशु बाहर जा रहे हैं। बांग्लादेश के अलावा यूरोप जाएगा। बड़े व्यापारी और कॉरपोरेट हाउस पहले बेहतर दाम दे देंगे। बाद में यहां के किसानों की स्थिति बदतर हो जाएगी।उन्होंने कहा कि अगले सत्र में (संशोधन विधेयक) ले आइएगा। जल्दबाजी क्या है।

कांग्रेस विधायक व्यास कश्यप ने कहा कि संशोधन करके बड़े कॉरपोरेट व्यापारी को यहां लाने की क्या जरूरत है।ऐसा न हो कि केंद्र के कृषि कानून की तरह बाद में इसे भी वापस लेना न पड़े।किसानों को आंदोलन न करना पड़े. किसान कुटीर बने, गोदाम, शेड की व्यवस्था हो ताकि किसानों को परेशानी न हो।

भाजपा विधायक भावना बोहरा ने कहा कि कृषक कल्याण शुल्क के संशोधन से इसकी भावना स्पष्ट है।गांव के छोटे किसान को यह अनुमति नहीं है कि वो दूसरे मंडी में अपनी उपज बेच सके। इसमें संशोधन से वो दूसरे मंडी में जा सकेगा। मंडी बोर्ड का जब विषय आता है।उसके फंड से सीसी रोड और नाली बनाने की बात होती है।मंत्री जी सुनिश्चित करें कि मंडी शुल्क का पैसा किसानों के कल्याण पर खर्च होगा।कांग्रेस विधायक द्वारकाधीश यादव ने कहा कि इसी तरह की व्यवस्था केंद्र के विधेयक में भी था। पहली बार मोदी सरकार को इसे वापस लेना पड़ा। अंबानी और अदानी आएंगे तीन चार साल रेट देंगे। बाद में छोटे व्यापारी खत्म हो जाएंगे।

भाजपा विधायक धरम लाल कौशिक ने कहा कि इससे उपज का सही मूल्य मिलेगा। मंडी शुल्क संशोधन के बाद कृषक कल्याण शुल्क कहलाएगा। यानी किसानों के कल्याण के लिए यह राशि खर्च की जायेगी।आज भी मंडी में छाया और शेड की व्यवस्था नहीं है। धान भीग जाते हैं।निश्चित रूप से कस्टम मिलिंग ठीक से होगी।हिंदुस्तान में सबसे ज्यादा खुशहाल छत्तीसगढ़ का किसान है।

कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि सदस्यों ने कई तरह की चिंताएं व्यक्त की हैं।आप कैसे सोच सकते हैं कि हमारी सरकार किसानों के हित की चिंता नहीं करेगी।भूपेश बघेल तो ऐसा बोलने लगे कि बांग्लादेश और पाकिस्तान के लोग आ जाएंगे।मंडी अधिनियम में पशुपालन, मछलीपालन शामिल नहीं है। इसके बावजूद यदि कहीं भी यदि इसके परीक्षण की जरूरत होगी तो परीक्षण कराऊंगा। यदि ऐसा कुछ होगा तो इसे संशोधन से बाहर करूंगा।मंत्री ने कहा कि मार्केट ओपन होना चाहिए ये तो आप चाहते हैं न। प्रदेश के किसानों को गुमराह करने की कोशिश न करें।प्रदेश की जनता आपके बातों में आने वाली नहीं है। ई नाम में कोई भी जुड़कर अपना सामान बेच सकता है। इसे सर्वसम्मति से पारित किया जाए।

(Udaipur Kiran) / केशव केदारनाथ शर्मा / गायत्री प्रसाद धीवर

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