Uttar Pradesh

छठ पूजा : कांच ही बांस के बहंगिया, बहंगी लचकत जाए…

छठ पूजा में डूबी पीतलनगरी, पूर्वाचल और बिहार की 10 हजार से अधिक महिलाओं ने दिया अर्घ्य
छठ पूजा में डूबी पीतलनगरी, पूर्वाचल और बिहार की 10 हजार से अधिक महिलाओं ने दिया अर्घ्य

20 से अधिक स्थानों पर छठ पूजा के सामूहिक कार्यक्रम, डूबते सूर्य को अर्घ्य देने के लिए घाटों पर उमड़ी भीड़

मुरादाबाद, 07 नवम्बर (Udaipur Kiran) । मुरादाबाद जिले में गुरुवार को छठ महोत्सव के तीसरे दिन शहर में रह रही पूर्वांचल और बिहार की 10 हजार से अधिक महिलाओं ने छठ मां के जयघोष के साथ डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर मन्नतें मांगी गईं। जिलें में 20 से अधिक स्थानों पर छठ पूजा के सामूहिक कार्यक्रम सम्पंन हो रहे हैं।

रामंगगा नदी घाट रामगंगा विहार, रामगंगा नदी लालबाग, गांगन नदी, चटटा पुल पर छठ पूजा के लिए विषेष व्यवस्था की गई है। इसके आलावा पीएसी की तीनों बटालियनों में, बुद्धि विहार, लाइनपार, बंगला गांव, डबल फाटक, कटघर, एमडीए व आवास विकास की कालोनियों और अनेकों मोहल्लों व अपार्टमेंटों में घरों की छतों पर, पार्कों में अस्थाई तलाब बनाकर अस्त होते सूर्य भगवान को अर्घ्य दिया गया। इस दौरान प्रसिद्ध लोकगीत, “कांच ही बांस के बहंगिया, बहंगी लचकत जाए….गूंजता रहा।

गुरुवार को दोपहर से ही छठ पूजा आयोजन स्थल व घाटों पर श्रद्धालु परिवार के साथ टोकरे में फल, गन्ने, पूजा सामग्री आदि लेकर पहुंचीं। सूर्यास्त के समय से कुछ पहले ही व्रतधारियों ने जल में खड़े होकर छठ मैया की आराधना शुरू कर दी। सूर्य के डूबते ही सूर्य देव और छठ मैया का जयघोष होने लगा व अर्घ्य देना शुरू हो गया। श्रद्धालु काफी देर तक घाटों पर भजन कीर्तन करते रहे। इस दौरान हरथला सहित लाइनपार, हिमगिरि, रामगंगा विहार, दीन दयाल नगर आदि क्षेत्रों में लोगों अपने घरों और उनके आसपास कृत्रिम तालाब बनाकर अर्घ्य दिया।

लाइनपार केजीके कालेज के पीछे काफी बड़ा कृत्रिम तालाब बनाया गया। तालाब के साथ पूरे क्षेत्र को भव्य रूप से सजाया गया। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने अर्घ्य दिया। कपूर कंपनी पुल के नीचे मंदिर मेंछठ पूजा लाइनपार समिति ने कपूर कंपनी पुल के नीचे शिव मंदिर में आयोजन किया। व्रतधारियों ने मंदिर पहुंचकर टोलियां बनाकर भजन-कीर्तन शुरू किया। इस दौरान भक्ति संगीत और माता के जयघोष की गूंज रही। पुराना दसवां घाटपुराना दसवां घाट स्थित रामगंगा तट को भी केले के पेड़, गन्ने और फूलों से भव्य रूप से सजाया गया। व्रतधारियों ने दोपहर से ही घाट पर पहुंचकर आराधना शुरू कर दी।

(Udaipur Kiran) / निमित कुमार जयसवाल

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