छतरपुर, 24 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । टीकमगढ़ कृषि महाविद्यालय के प्राध्यापकों, वैज्ञानिकों का गुरुवार काे कृषि विज्ञान केंद्र नाैगांव के भ्रमण उपरांत सिगरवांकला एवं मृदा परीक्षण प्रयोगशाला नौगांव में छात्रों का व्यावहारिक अनुभव कराया गया है। कृषि विज्ञान केंद्र केवीके नौगांव के प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ वीणा पाणी श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में टीकमगढ़ कृषि महाविद्यालय के बीएससी,कृषि, फाइनल वर्ष के छात्रों द्वारा जुलाई माह से लगातार प्रशिक्षण और किसानों के साथ व्यवहारिक अनुभव प्राप्त किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत ग्राम मानपुरा और सिगरवांनकला से 15.15 किसानों का चयन किया गया है। जहां छात्र किसानों को अपनी सैद्धांतिक जानकारी दे रहे हैं और साथ ही किसानों के कृषि अनुभवों से प्रायोगिक ज्ञान भी प्राप्त कर रहे हैं।
आज इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम के निरीक्षण हेतु टीकमगढ़ कृषि महाविद्यालय के डॉ एसपी सिंह ,सहायक प्राध्यापक कृषि प्रसार एवं रावे प्रभारी , डॉ संदीप खरे ;वैज्ञानिक, पशुधन उत्पादन, और डॉ पीके त्यागी सहायक प्राध्यापक, सस्य विज्ञान, ने केवीके नौगांव का भ्रमण किया। सर्वप्रथम, कृषि विज्ञान केंद्र की प्रमुख डॉ वीणा पाणी श्रीवास्तव और डॉ राजीव सिंह द्वारा टीम का गर्मजोशी से स्वागत किया गया। इसके बाद , कृषि महाविद्यालय के छात्रों से उनके द्वारा किए गए कार्यों की विस्तृत जानकारी ली गई। छात्रों ने बताया कि किस प्रकार वे किसानों के साथ मिलकर उन्नत कृषि तकनीकों की जानकारी दे रहे हैं और अपनी शैक्षिक समझ को प्रायोगिक अनुभवों से समृद्ध कर रहे हैं। इसके बादए टीम ग्राम सिगरवनकला पहुंची, जहां उन्होंने किसानों की खेती से जुड़ी विभिन्न चुनौतियों और उनके समाधान पर चर्चा की।
डॉ एसपी सिंह ने किसानों से कृषि छात्रों के सहयोग और उनके अनुभवों के बारे में जानकारी ली। डॉ संदीप कुमार खरे ने किसानों को अतिरिक्त आय के लिए पशुधन की उन्नत प्रजातियों के बारे में जानकारी दी और साइलेज एवं हे के महत्व पर प्रकाश डालाए जिससे पशुपालन में लाभ बढ़ाया जा सके। इसके अतिरिक्त , डॉ पीके त्यागी ने किसानों को मृदा परीक्षण के महत्व पर जानकारी दी और बताया कि किस प्रकार मृदा परीक्षण से फसल उत्पादन में सुधार किया जा सकता है। इस दौरान, कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि मौसम वैज्ञानिक हेमंत सिन्हा और वरिष्ठ अनुसंधान अध्येता रोहित मिश्रा भी उपस्थित रहे। किसानों ने भी छात्रों के सहयोग की सराहना की और कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम उन्हें उन्नत खेती की तकनीकों से अवगत कराते हैं। जिससे उनकी आय में वृद्धि हो रही है कार्यक्रम के अंत में मृदा परीक्षण प्रयोगशाला नौगांव एवं कृषि विज्ञान केंद्र पर प्रदर्शित इकाइयां जैसे नर्सरी इकाई, उद्यानिकी फसल संग्रहालय इकाई, फलोद्यान उत्पादन इकाई एवं औषधीय इकाई इत्यादि इकाइयों का भी प्राध्यापकों एवं वैज्ञानिकों के द्वारा भ्रमण भी किया गया।
(Udaipur Kiran) / सौरव भटनागर