
कानपुर, 14 मई (Udaipur Kiran) । सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए आने वाले मरीजों और उनके तीमारदारों को अब महंगी दवाइयां नहीं खरीदनी पड़ेंगी। क्योंकि अस्पताल परिसर में ही प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र खुलने लगे हैं। इसी क्रम में बुधवार को जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने बड़ा चौराहा स्थित जिला अस्पताल उर्सला अस्पताल में खुले प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र का उद्घाटन किया।
सत्ता में आने के बाद से ही प्रदेश सरकार लगातार आम जनमानस तक बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने के लिए प्रयत्नशील है। जिसकाे लेकर स्वयं उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक समय-समय पर इसकी मॉनिटरिंग करते रहते हैं। ऐसे में अधिकांश यह शिकायतें रहती है कि डाॅक्टर बाहर की दवा लिखते हैं, जिसे खरीदने में अधिक पैसा लगता है।
इससे मरीज से लेकर तीमारदार तक काफी परेशान रहते थे। इन्हीं समस्याओं को ध्यान में रखते हुए अब प्रदेश सरकार ने सभी सरकारी अस्पतालों में प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र (पीएमबीजेके) खुलवा रही है। इसी क्रम में जिला अस्पताल उर्सला के परिसर में बुधधार काे जन औषधि केंद्र का उद्घाटन जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने किया है।
उन्हाेंने बताया कि इन केंद्रों पर तीमारदारों को बाजारों में मिलने वाली ब्रांडेड और महंगी दवाइयों के विकल्प मिलेंगे। मसलन बाजार में जो दवाइयां 150 रुपये में मिलती हैं, वही जेनरिक दवाइयां 30 से 40 रुपये में जनऔषधि केंद्रों पर आसानी से उपलब्ध होती हैं। साथ ही जेनरिक और ब्रांडेड दवाइयों में सॉल्ट (औषधि का मूल घटक) एक ही होता है। यानी चाहे दवा का नाम कुछ भी हो गुणवत्ता और प्रभाव एक जैसा होता है। बड़ी कंपनियां ब्रांड नेम का उपयोग कर कीमतें बढ़ा देती हैं, लेकिन पेटेंट समाप्त होने पर कोई भी कंपनी वही दवा बना सकती है। शहर में 17 स्थानों पर जनऔषधि केंद्र खोले गए हैं, जिससेे अधिक लोगों को इसका लाभ मिलेगा।
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(Udaipur Kiran) / रोहित कश्यप
