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– दस सह आरोपित बरी, मामले की अगली सुनवाई 5 अप्रैल को
नई दिल्ली, 17 जनवरी (Udaipur Kiran) । साकेत कोर्ट के एडिशनल सेशंस जज शीतल चौधरी प्रधान ने रेलिगेयर कंपनी के पूर्व प्रमोटर मलविंदर सिंह और शिवेंद्र सिंह के खिलाफ फर्जीवाड़ा और आपराधिक साजिश रचने के मामले में आरोप तय कर दिया है। एडिशनल सेशंस जज ने इस मामले के दस सह आरोपितों को बरी करने का भी आदेश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 5 अप्रैल को होगी।
कोर्ट ने मलविंदर और शिवेंद्र के अलावा राजेंद्र प्रसाद अग्रवाल और कृष्ण सुब्रमण्यम के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने इस मामले में चार कंपनियों के खिलाफ भी आरोप तय करने का आदेश दिया। इनमें मेसर्स ए एंड ए कैपिटल सर्विसेज, मेसर्स मॉडलैंड वियर्स प्राईवेट लिमिटेड, मेसर्स प्लैटिनम इंफ्रास्ट्रक्चर प्राईवेट लिमिटेड और मेसर्स फर्न हेल्थकेयर प्राईवेट लिमिटेड हैं। कोर्ट ने इन सभी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 और 120बी के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया। कोर्ट ने सुनील गोधवानी, कवि अरोड़ा, अनिल सक्सेना, मनिंदर सिंह, पंकज शर्मा, सुनील गर्ग, हरपाल सिंह, राशि धीर, एसी महाजन और नरेन्द्र कुमार गौशाल को बरी करने का आदेश दिया है।
दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने 2019 में मलविंदर के अलावा इस मामले में शिवेंद्र सिंह, सुनील गोधवानी, कवि अरोड़ा और अनिल सक्सेना के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। इन्हें रेलिगेयर एंटरप्राईजेज लिमिटेड के साथ धोखाधड़ी करने के मामले में 10 अक्टूबर, 2019 में गिरफ्तार किया गया था। आरोप है कि रेलिगेयर कंपनी में रहते हुए मलविंदर सिंह और शिवेंद्र सिंह ने बैंकों से 2300 करोड़ रुपये का कर्ज लिया और उस पैसे को गलत तरीके से अपनी सहायक कंपनियों में ट्रांसफर कर दिया और बैंक का कर्ज जानबूझकर नहीं चुकाया।
(Udaipur Kiran) /संजय———–
(Udaipur Kiran) / सुनीत निगम
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