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दाहोद में मासूम के साथ दुष्कर्म केस में 12 दिन में दाखिल हुआ आरोप पत्र

दाहोद जिले की लिमखेड़ा स्थित एडिशनल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन्स कोर्ट जहां केस की सुनवाई की जा रही है।

-1700 पन्ने के आरोप पत्र में 150 लोगों का दर्ज हुआ बयान

दाहोद, 3 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । गुजरात के दाहोद जिले के एक स्कूल के शिक्षक का पहली कक्षा की छात्रा के साथ दुष्कर्म केस में पुलिस ने रिकॉर्ड 12 दिन में 1700 पन्ने का आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किया है। राज्य भर में चर्चित इस केस मामले में गुरुवार को गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने मीडिया को इसकी जानकारी दी।

संघवी ने बताया कि पुलिस जांच इस तरह से की गई, जिससे शिक्षक को लोअर कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक राहत नहीं मिले और सख्त से सख्त सजा हो। मामले में गुजरात पुलिस ने फॉरेंसिंक साइंस लेबोरेट्री (एफएसएल) की मदद से अपराध से जुड़े वैज्ञानिक सबूत इकट्ठा किए। इसके अलावा मामले में 150 लोगों का बयान दर्ज किया गया। समग्र केस के लिए विशेष पब्लिक प्रॉसिक्यूटर (पीपी) अमित नायर को नियुक्त किया गया। मंत्री ने बताया कि आरोप पत्र में डिजिटल सबूत, फॉरेसिंक डीएनए विश्लेषण, फॉरेंसिक बॉयोलॉजिकल विश्लेषण और एपिथिलियल टेस्ट को शामिल किया गया है। इसमें कई विशेष बातें हैं, जो आरोपित के अपराध को साबित करने में मदद करती हैं। मंत्री ने बताया कि इस केस में फॉरेसिंक साइक्लोजिकल ड्रोन क्राइम सीन प्रोफाइलिंग एंड फॉरेसिंक स्टेटमेंट एनालाइसिस भी कराई गई है। इसके तहत यह घटना किस तरह हुई, उसका वीडियो बनाया गया, वीडियो और साक्ष्यों के बयान का अध्ययन कर अपराध किस तरह किया गया, उसका साइक्लोजिकल अभिप्राय तय किया गया है। इसके अलावा पीड़िता छात्रा में जहर की मौजूदगी थी कि नहीं, इसकी भी जांच की गई, जिसे फॉरेसिंक केमेस्ट्री कहते हैं। अपराध के लिए जिस गाड़ी का उपयोग किया गया, उसे बाद में धोकर साक्ष्य नष्ट करने की कोशिश की गई थी लेकिन फॉरेसिक व्हीकल एनालॉइसिस में इसका खुलासा हुआ। आरोपित ने किसी साक्षी को धमकाया या नहीं, इसके लिए भी फॉरेसिंक वाइस स्पेक्ट्रोग्राफी कराई गई।

दाहोद के एसपी डॉ राजदीप सिंह झाला ने बताया कि 19 सितम्बर की रात को यह घटना हुई। 20 सितम्बर की रात मामले में हत्या की प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इसके बाद अपराध का पता करते हुए आरोपित को गिरफ्तार किया गया। इस केस की जांच के लिए 4 पुलिस उपधीक्षक, 4 पुलिस निरीक्षक, 2 पुलिस उप निरीक्षक समेत 300 पुलिसकर्मियों को अलग-अलग कामों से जोड़ा गया था। बाद में 25 सितम्बर को घटना का रिकन्स्ट्रक्शन कराया गया।

यह था मामला

दाहोद जिले की सिंगवड तहसील के तोरणी प्राथमिक स्कूल की पहली कक्षा की 6 वर्षीय छात्रा का शव 19 सितम्बर को संदिग्ध अवस्था में मिला था। मासूम सुबह अपनी माता के साथ स्कूल जा रही थी, इसी बीच स्कूल का शिक्षक अपनी गाड़ी से वहां पहुंचा। माता पहले से शिक्षक को पहचानती थी, इस वजह से बच्ची को उसके साथ ही स्कूल भेज दी। बाद में छात्रा का शव बरामद हुआ। हत्या की आशंका के बाद पुलिस जांच में शिक्षक गोविंद नट पर शक हुआ। उसे गिरफ्तार कर पूछताछ की गई तो सारा मामला सामने आ गया। घटना के बाद राज्य भर में प्रदर्शन भी शुरू हो गए। आरोपित के एक राजनीतिक पार्टी से भी संबंध का पता चला था।

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(Udaipur Kiran) / बिनोद पाण्डेय

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