
देहरादून, 23 मार्च (Udaipur Kiran) । चारधाम यात्रा के दौरान किसी भी आपदा से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए प्रत्येक धाम का डिजास्टर मैनेजमेंट प्लान तैयार किया जाएगा। आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि इस संबंध में आगामी बैठक में विभिन्न जिलों के साथ दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे।
अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी-प्रशासन आनंद स्वरूप ने चारधाम यात्रा के दौरान किसी भी आपदा का प्रभावी तरीके से सामना करने के लिए प्रत्येक धाम का डिजास्टर मैनेजमेंट प्लान बनाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि यदि आपदा प्रबंधन की दृष्टि से प्रत्येक धाम का ठोस आपदा प्रबंधन प्लान होगा तो विभिन्न प्रकार की आपदाओं का सामना बेहतर ढंग से किया जा सकेगा। साथ ही उन्होंने चार धाम यात्रा से संबंधित सभी जनपदों की एसओपी बनाने की बात कही।
पिछले साल के अनुभवों से सीख जरूरी : राजकुमार नेगी अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रियान्वयन डीआईजी राजकुमार नेगी ने यूएसडीएमए के विशेषज्ञों को निर्देश दिए कि गत वर्षों चार धाम यात्रा के दौरान क्या-क्या आपदा आई हैं, कितने लोग इससे प्रभावित हुए, कितनी जनहानि हुईं, कहां-कहां पर मार्ग बंद हुए, भीड़ की स्थिति कैसी रही, किन-किन जगहों पर अत्यधिक जाम लगा, इन सबका विश्लेषण करने के निर्देश दिए ताकि इस बार उन क्षेत्रों में प्रभावी तरीके से काम किया जा सके। उन्होंने कहा कि गत वर्ष के अनुभवों का लाभ लेने की पूरी कोशिश की जाएगी।
तीन मुख्य जिले, चार ट्रांजिट जनपदबता दें कि चारधाम यात्रा को लेकर उत्तरकाशी, चमोली और रुद्रप्रयाग मुख्य जनपद हैं, जबकि टिहरी, पौड़ी, हरिद्वार और देहरादून ट्रांजिट जिलों की श्रेणी में आते हैं।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के टेंटेटिव शेड्यूल के अनुसार 14 अप्रैल को ओरिएंटेशन एवं कोऑर्डिनेशन कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया जाएगा। 22 अप्रैल को टेबल टॉप एक्सरसाइज और 24 अप्रैल को मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी।—-
(Udaipur Kiran) / राजेश कुमार
