West Bengal

धर्मतला में मची अफरा-तफरी : मंत्री सुजीत बोस की गाड़ी पर हमला, प्रदर्शनकारियों ने डीसी इंदिरा को घेरा

प्रदर्शनकारियों ने डीसी इंदिरा को घेरा
प्रदर्शनकारियों ने डीसी इंदिरा को घेरा 0
मंत्री सुजीत बोस की गाड़ी पर हमला

कोलकाता, 15 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । मंगलवार की शाम धर्मतला में उस समय हंगामा मच गया जब राज्य के मंत्री सुजीत बोस की गाड़ी पर हमला किया गया। घटनास्थल पर मौजूद प्रदर्शनकारियों ने उनकी गाड़ी पर थप्पड़ मारे और बोतलें फेंकी। साथ ही, कोलकाता पुलिस की डीसी (सेंट्रल) इंदिरा मुखर्जी के खिलाफ भी ‘गो बैक’ के नारे लगाए गए। यह घटना उस समय हुई जब धर्मतला में जूनियर डॉक्टरों द्वारा आयोजित मानव श्रृंखला चल रही थी।

मंत्री सुजीत बोस, जो श्रीभूमि स्पोर्टिंग क्लब के प्रमुख भी हैं, कार्निवल से लौट रहे थे। उनकी गाड़ी के पीछे एक लॉरी भी चल रही थी, जो प्रतिमा विसर्जन के बाद क्लब लौट रही थी। इसी दौरान उनकी गाड़ी मानव श्रृंखला के करीब से गुजरी, जिसे देखकर वहां खड़े लोग भड़क उठे। कई प्रदर्शनकारी मंत्री की गाड़ी के पास पहुंचे और गाड़ी के पिछले हिस्से पर थप्पड़ मारे।

सुजीत बोस ने इस घटना पर नाराजगी जताते हुए कहा कि हर किसी को लोकतांत्रिक तरीके से विरोध करने का अधिकार है, लेकिन इस तरह गाड़ी पर हमला करना बिल्कुल अनुचित है। वहां हमारे पूजा से जुड़े लोग भी मौजूद थे। अगर वे प्रतिक्रिया देते, तो क्या स्थिति और नहीं बिगड़ती? उन्होंने आगे कहा कि वह नहीं चाहते थे कि इस घटना से पूजा का माहौल और खराब हो।

दूसरी ओर, प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि मंत्री की गाड़ी ने मानव श्रृंखला की अनदेखी करते हुए बहुत तेजी से वहां से गुजरने की कोशिश की। हालटू की निवासी नवनीता दास, जो इस प्रदर्शन में शामिल होने आई थीं, ने कहा, क्या मंत्री होने का मतलब है कि वे लोगों को कुचल देंगे? अगर मैं एक इंच भी इधर-उधर होती, तो मेरा पैर गाड़ी के नीचे आ जाता।

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डीसी इंदिरा मुखर्जी को घेरने का प्रयास

मंत्री की गाड़ी के जाने के कुछ देर बाद प्रदर्शनकारी और भी आक्रोशित हो गए। उन्होंने मौके पर पहुंची डीसी इंदिरा मुखर्जी को घेर लिया और उनके खिलाफ ‘गो बैक’ के नारे लगाए।

धर्मतला से लेकर रानी रासमणि रोड तक की स्थिति बेहद तनावपूर्ण हो गई। एक ओर कार्निवल का उत्साह था, तो दूसरी ओर प्रदर्शनकारियों का आक्रोश। इससे पूरा इलाका अवरुद्ध हो गया, और प्रशासन को हालात संभालने में काफी मशक्कत करनी पड़ी।

इस घटना ने प्रशासन के प्रति लोगों में व्याप्त नाराजगी को और गहरा कर दिया है, जिससे कोलकाता का यह प्रमुख इलाका विरोध और असंतोष का केंद्र बन गया।

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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