Gujarat

चांदीपुरम वायरस का कहर : प्राथमिक निष्कर्ष में वायरल इंसेफेलाइटिस के मामले : स्वास्थ्य मंत्री

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– मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने राज्य में वायरल इंसेफेलाइटिस के संदिग्ध मामलों की मौजूदा स्थिति और रोग नियंत्रण के उपायों पर दिए जरूरी निर्देश

– सीएम ने राज्य के सभी मनपा आयुक्त, जिला कलेक्टर, डीडीओ और सीएमओ से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए ली जानकारी

गांधीनगर, 18 जुलाई (Udaipur Kiran) । राज्य सरकार चांदीपुरम वाइरस के मामले में बयान दिया है कि अभी तक के केस स्टडी से इसके वायरल इंसेफेलाइटिस होने की प्राथमिक जानकारी है। हालांकि सरकार हर संभव प्रयत्न कर सभी जरूरी उपाय करने में अभी से जुट गई है। सरकार के प्रवक्ता मंत्री ऋषिकेश पटेल ने कहा कि चिकित्सकों के निदान के अनुसार प्राथमिक निष्कर्ष में यह दिखाई दिया है कि वर्तमान में सामने आ रहे मामले वायरल इंसेफेलाइटिस के हैं, जिनके लक्षण चांदीपुरम के समान हैं। इसलिए उन्होंने इस वायरल के प्राथमिक लक्षण नजर आने पर मरीज को गहन उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज या जिला स्तरीय अस्पताल में भर्ती कराने का अनुरोध किया है।

पटेल ने कहा कि सरकार इसके लिए तत्पर है और राज्य की सभी तहसीलों और संभावित-प्रभावित क्षेत्रों में कीटनाशक और मैलाथियान दवाइयों के छिड़काव के निर्देश दिए। इसके अलावा, उन्होंने आशा कार्यकर्ता बहनों और स्थानीय स्तर की स्वास्थ्य टीम को इस रोग को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए प्रयास करने को कहा। उन्होंने यह भी कहा कि इस रोग से संक्रमित मरीजों के लिए जिला अस्पताल से लेकर सभी अस्पतालों में वेंटिलेटर और ऑक्सीजन सहित तमाम व्यवस्थाएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने चांदीपुरम और वायरल इंसेफेलाइटिस के वेक्टर नियंत्रण और रोकथाम के लिए सघन उपाय करने शुरू कर दिए हैं। इसके तहत 260 टीमों ने 11,050 घरों में जाकर कुल 56,651 व्यक्तियों का सर्विलांस किया है। 4838 कच्चे मकानों और मवेशियों के तबेले वाले क्षेत्रों में रोग की रोकथाम के लिए मैलाथियान पाउडर का छिड़काव किया गया है। इन जिलों में मैलाथियान पाउडर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराया गया है। इसके बावजूद, उन्होंने स्वास्थ्य तंत्र को आवश्यकतानुसार व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं।

अलर्ट मोड पर सरकार, मुख्यमंत्री ने सभी कलक्टर, आयुक्तों के साथ समीक्षा की

दूसरी ओर चांदीपुरम वाइरस के मामले ग्रामीण क्षेत्रों से शहर तक पहुंचने को लेकर सरकार अलर्ट मोड में आ गई है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने गुरुवार को गांधीनगर में स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल की उपस्थिति में राज्य में वायरल इंसेफेलाइटिस के संदिग्ध मामलों के संबंध में राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा किए गए रोग नियंत्रण के उपायों और रोग निवारण की सघन कार्रवाई की उच्च स्तरीय समीक्षा की।

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने राज्य के महानगर पालिका आयुक्तों, जिला कलेक्टरों, जिला विकास अधिकारियों तथा मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस कर उनके जिलों में इस वायरल इंसेफेलाइटिस के संदिग्घ मामलों के उपचार, प्रबंधन, सर्विलांस, रोग निवारण उपाय और उपचारात्मक पहलुओं के संबंध में जानकारी हासिल की। इस संदिग्ध वायरल इंसेफेलाइटिस वायरस का पहला मामला 27 जून को गुजरात के हिम्मतनगर मेडिकल कॉलेज में भर्ती राजस्थान के उदयपुर के एक मरीज में पाया गया था। राज्य सरकार के अनुसार अभी राज्य में 18 जुलाई, 2024 की स्थिति के अनुसार गुजरात राज्य के 30 सहित वायरल इंसेफेलाइटिस के कुल 33 संदिग्ध मामले सामने आए हैं, जिनमें से 16 लोगों की मौत हो चुकी है। वायरस की पुष्टि के लिए सैंपल को पुणे भेजा गया था, जिनमें से 7 सैंपल के परिणाम आ चुके हैं। इनमें से 6 सैंपलों की रिपोर्ट चांदीपुरा वायरस के मामले में नेगेटिव आई है, और केवल एक सैंपल पॉजिटिव पाया गया है।

भय फैलने से रोकने की सीएम की अपील

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने बैठक में इस संक्रामक रोग के संबंध में लोगों में भय फैलने से रोकने के लिए प्रचार माध्यमों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए जनता को इस संबंध में जानकारी से अवगत कराने का सुझाव दिया। उन्होंने बैठक में राज्य के सभी जिला अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में भर्ती होने वाले वायरल इंसेफेलाइटिस के संदिग्ध मरीज का सैंपल लेकर उसे तत्काल पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में जांच के लिए भेजने की व्यवस्था सुनिश्चित करने के स्पष्ट निर्देश दिए। उन्होंने ऐसे संदिग्ध मरीजों की संबंधित अस्पतालों में तत्काल उचित उपचार की व्यवस्था के लिए भी निर्देश दिए।

काम में जुटी रैपिड रिस्पॉन्स टीम

स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने इस वीडियो कॉन्फ्रेंस समीक्षा बैठक में मुख्य जिला स्वास्थ्य अधिकारियों को प्रत्येक मामले की रैपिड रिस्पॉन्स टीम द्वारा जांच करने को कहा। उन्होंने कहा कि राज्य स्तरीय रैपिड रिस्पॉन्स टीम द्वारा प्रत्यक्ष दौरा कर अरवल्ली और साबरकांठा के मामलों की जांच की गई है। उन्होंने आवश्यकता पड़ने पर अन्य जिलों में भी राज्य स्तरीय टीम को भेजने की तैयारी दिखाई। ऋषिकेश पटेल ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा वायरल इंसेफेलाइटिस के सभी मामलों में उपचार संबंधी जानकारी के लिए 104 नंबर वाली हेल्पलाइन शुरू की जा रही है। इस समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव पंकज जोशी, स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव धनंजय द्विवेदी और संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

अभी तक की स्थिति :

•राज्य में वायरल इंसेफेलाइटिस के 33 संदिग्ध मामले दर्ज किए गए, सैंपल को पुष्टि के लिए पुणे भेजा गया था

•7 सैंपलों के परिणाम आए, जिसमें से 6 सैंपलों की रिपोर्ट चांदीपुरा वायरस के मामले में नेगेटिव आई है, केवल एक सैंपल पॉजिटिव पाया गया है

•प्राथमिक निष्कर्ष के अनुसार वर्तमान में सामने आ रहे मामले वायरल इंसेफेलाइटिस के हैं, जिसके संदर्भ में लाइन ऑफ ट्रीटमेंट की गाइड लाइन जारी की जाएगी

•राज्य में 260 टीमों द्वारा 11,050 घरों में कुल 56,651 व्यक्तियों का सर्विलांस किया गया

•4838 कच्चे मकानों और मवेशियों के तबेले वाले क्षेत्रों में रोग नियंत्रण के लिए मैलाथियान पाउडर का छिड़काव किया गया

(Udaipur Kiran)

(Udaipur Kiran) / बिनोद कुमार पांडे / प्रभात मिश्रा

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