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गांधीनगर, 18 जुलाई (Udaipur Kiran) । राज्य में चांदीपुरम वायरस का प्रकोप दिन-प्रतिदिन बढ़ने लगा है। गुरुवार को राजकोट में 3, अहमदाबाद में 2 और पंचमहाल जिले में 1 बच्चे की मौत हो गई। राज्य में चांदीपुरम वायरस से संक्रमित मामले बढ़कर 35 हो गए हैं, वहीं मृतकों की संख्या 21 हो गई है। वायरस का असर अभी तक ग्रामीण क्षेत्रों में देखा गया था लेकिन अब इसका असर अहमदाबाद शहर में देखा गया है। दूसरी ओर राज्य के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने गुरुवार को संक्रामक रोग के नियंत्रण के उपायों को लेकर समीक्षा बैठक की। राज्य सरकार के प्रवक्ता मंत्री ऋषिकेश पटेल ने बताया कि चांदीपुरम वायरस के सैम्पल की जांच अब गांधीनगर के गुजरात बायोटेक्नोलॉजी रिसर्च सेंटर (जीबीआरसी) में ही किए जाने की व्यवस्था की गई है जिससे रिपोर्ट शीघ्र आएगी।
राज्य सरकार के प्रवक्ता और स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने बताया कि हाल की महामारी और बारिश की संभावित परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए सरकार की ओर से रिव्यू बैठक की गई है। चांदीपुरम वाइरस के अब तक 29 संदिग्ध केस मिले हैं। इसमें 15 बच्चों की मौत होने की पुष्टि की गई है। चांदीपुरम वायरस के संक्रमण के मामले अधिकांश 4 वर्ष से 14 वर्ष के बालकों के बीच देखने को मिला है। वायरस की पुष्टि के लिए सैम्पल पुणे भेजे गए हैं। 7 सैम्पल में से 1 ही कंफर्म हुआ है। दूसरी ओर राज्य सरकार की ओर से एक एडवाइजरी जारी कर बताया गया है कि चांदीपुरम वाइरस संक्रमण से फैलने वाली बीमारी नहीं है।
मुख्यमंत्री ने की समीक्षा बैठक
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने गुरुवार को गांधीनगर में राज्य में चांदीपुरा वायरस की स्थिति और इस संक्रामक रोग के नियंत्रण को लेकर किए जा रहे उपायों की समीक्षा की।
स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल और उच्च अधिकारियों की उपस्थिति में आयोजित इस बैठक में मुख्यमंत्री ने राज्य के महानगर पालिका आयुक्तों, जिला कलेक्टरों और जिला विकास अधिकारियों तथा मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस कर उनके जिलों में उठाए जा रहे कदमों की जानकारी हासिल की। मुख्यमंत्री ने बैठक में इस रोग के नियंत्रण के लिए मैलाथियान पाउडर के छिड़काव का अभियान चलाने तथा बुखार के किसी भी मामले में तुरंत गहन उपचार सुविधा सुनिश्चित करने का मार्गदर्शन दिया। स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने ग्रामीण क्षेत्रों में आशा कार्यकर्ता बहनों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता बहनों तथा नर्स जैसे जमीनी स्तर के कर्मचारियों के माध्यम से इस संक्रामक रोग के खिलाफ बचाव के उपाय शुरू करने का भी सुझाव दिया।
(Udaipur Kiran)
(Udaipur Kiran) / बिनोद कुमार पांडे / प्रभात मिश्रा
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