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मुंबई, 23 नवंबर (Udaipur Kiran) । महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की मतगणना शनिवार शाम को अंतिम चरण में है, लेकिन अब तक के प्राप्त परिणामों के अनुसार विपक्षी गठबंधन में शामिल किसी भी बड़े घटक दल को नेता प्रतिपक्ष का पद मिलने की संभावना क्षीण होती दिख रही है क्योंकि विपक्ष के किसी भी बड़े दल को विधानसभा की 10 प्रतिशत सीटें मिलती हुई नहीं दिख रही हैं।
राज्य की 288 सदस्यीय विधानसभा में विपक्ष का नेता पद हासिल करने के लिए पार्टी के पास कम से कम 29 सदस्य होने चाहिए। हालांकि निवर्तमान उपमुख्यमंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा विपक्ष छोटा है या बड़ा, इसे न देखते हुए विपक्ष का सम्मान किया जाएगा। उनकी विकास की बातों को स्वीकार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम नियमों के आधार पर ही सबकुछ तय करेंगे, नेता प्रतिपक्ष का दर्जा देने का फैसला भी नियमों के अनुसार ही होगा।
लोकसभा अथवा विधानसभा के कुल सीटों का कम से कम दस सीटें हासिल करने वाली पार्टी को नेता प्रतिपक्ष पक्ष पद दिए जाने का नियम है। यह नियम लोकसभा के पहले स्पीकर जीवी मावलंकर द्वारा जारी किए गए निर्देश के आधार पर मान्य किया जाता है। इस आधार पर महाराष्ट्र विधानसभा की कुल सदस्य संख्या 288 है। इनमें से दस फीसदी अर्थात नेता प्रतिपक्ष के लिए किसी भी दल को कम से कम 29 सीटें जीतना जरूरी हैं, लेकिन आज हो रही मतगणना में भाजपा नीत गठबंधन 229 सीटों पर आगे है। इनमें भाजपा 132, शिवसेना 56 और एनसीपी 41 सीटों पर आगे चल रही हैं। जबकि विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाड़ी 46 सीटों पर और अन्य 13 सीटों पर आगे हैं। इनमें कांग्रेस 16, शिवसेना यूबीटी 20 और एनसीपी (एसपी) 10 सीटों पर आगे चल रही है। महाविकास आघाड़ी के सभी सहयोगी दल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के लिए जरूरी 29 सीटों से काफी दूर नजर आ रहे हैं।
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(Udaipur Kiran) यादव
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