
जयपुर, 8 मार्च (Udaipur Kiran) । स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने कार्रवाई करते हुए शारीरिक शिक्षा अध्यापक भर्ती परीक्षा-2022 में फर्जी तरीके से बैक डेट में डिग्री जारी करने के संबंध में जेएस विश्वविद्यालय शिकोहाबाद (उत्तर प्रदेश) का चांसलर, रजिस्ट्रार व दलाल को गिरफ्तार किया है।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एटीएस और एसओजी वीके सिंह ने बताया कि एसओजी ने पूर्व के दर्ज मामले में कार्रवाई करते हुए में वांछित सुकेश कुमार,नंदन मिश्रा और अजय भारद्वाज को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपित जेएस विश्वविद्यालय का चांसलर- संचालक सुकेश कुमार जो अपने खिलाफ एसओजी की कार्रवाई का अंदेशा होने पर विदेश भागने की फिराक में था। जिसको दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया। आरोपित सुकेश कुमार, अजय भारद्वाज व नन्दन मिश्रा 12 मार्च तक पुलिस रिमांड पर है।
वीके सिंह ने बताया कि शारीरिक शिक्षा अध्यापक भर्ती परीक्षा – 2022 में अनेक अभ्यर्थियों की ओर से अनेक विश्वविद्यालयों से दलालों के मार्फत मिलीभगत कर फर्जी तरीके से बैक डेट में डिग्रियां हासिल कर चयनित होने के सम्बन्ध प्राप्त परिवाद में बाद जांच पड़ताल की गई। जहां जांच में पूर्व में ओपीजेएस विश्वविद्यालय के चांसलर- संचालक व पूर्व रजिस्ट्रार सहित 13 आरोपिताें को गिरफ्तार किया जा चुका है। एसओजी ने कार्रवाई करते हुए जेएस विश्वविद्यालय,शिकोहाबाद, उत्तर प्रदेश के चांसलर – संचालक सुकेश कुमार जो वर्तमान में राजकीय कॉलेज जिला आगरा में प्रिंसिपल के पद पर कार्यरत है। वहीं जेएस विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार नन्दन मिश्रा, दलाल अजय भारद्वाज व अन्य के मार्फत यूनिवर्सिटी की बीपीएड कोर्स की फर्जी तरीके बैक डेट में डिग्रियां जारी की। जेएस विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के शिकोहाबाद कस्बे की बाहरी ओर आगरा रोड पर स्थित है। संचालक सुकेश कुमार ने अपने पिताजी जगदीश सिंह के नाम पर इस विश्वविद्यालय का नाम जेएस विश्वविद्यालय रखा है। आरोपित अजय भारद्वाज ओपीजेएस विश्वविद्यालय से भी हजारों छात्रों को विभिन्न कोर्स की फर्जी तरीके से बैक डेट में डिग्रियां दिलवा चुका है एवं पेपर माफिया भूपेन्द्र सारण के घर से फर्जी डिग्रियां जब्त होने के मामले में भी आरोपित अजय भारद्वाज गिरफ्तार हो चुका है। गिरफ्तार दलाल अजय भारद्वाज अपने साथियों के साथ मिलकर एकलव्य ट्राईबल यूनिवर्सिटी (पूर्व सुधासागर विश्वविद्यालय ), डूंगरपुर व अनंत इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी, मेघालय स्थापित करने जा रहा है।
पूर्व की भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक माफियाओं ने अयोग्य अभ्यर्थियों के लिये निजी विश्वविद्यालयों से पैसे देकर बडी संख्या में बैक डेट में डिग्रियां उपलब्ध करवाई थी एवं अनुचित तरीके से नौकरियां दिलाने में सहयोग किया था। अनुचित साधनों का प्रयोग कर परीक्षा में बैठने वाले अभ्यर्थी फॉर्म भरते समय जानबूझकर ऐसे निजी विश्वविद्यालय का नाम उल्लेख करते थे। जहां चयनित होने पर आसानी से पैसे देकर बैक डेट में डिग्री का इन्तजाम किया जा सके या पैसों की बदोलत फर्जी डिग्रियों का सत्यापन करवाया जा सके। इस कार्य के लिये जेएस विश्वविद्यालय शिकोहाबाद पेपर लीक गैंग के सदस्यों के बीच में कुख्यात था। शारीरिक शिक्षा अध्यापक भर्ती परीक्षा -2022 की 5 हजार 390 अभ्यर्थियों की विचारित सूची में से 254 अभ्यर्थियों ने फॉर्म भरते समय स्वयं को जेएस विश्वविद्यालय शिकोहाबाद के छात्र होना उल्लेखित किया था। जिसमें से 108 अभ्यर्थियों का दस्तावेज सत्यापन के समय विश्वविद्यालय का नाम, रोल नम्बर,भर्ती वर्ष में मिसमैच पाया गया। जिनमें से 29 अभ्यर्थिगण ऐसे है जिन्होने आवेदन के समय जेएस विश्वविद्यालय शिकोहाबाद से भिन्न विश्वविद्यालय का उल्लेख किया था।
जेएस विश्वविद्यालय शिकोहाबाद के चयनित अभ्यर्थियों में से 107 अभ्यर्थियों ने वर्ष 2022 में स्वयं को उतीर्ण होना उल्लेखित किया है। जबकि उक्त विश्वविद्यालय को शिक्षा सत्र के लिये 100 सीटों की ही मान्यता थी। जो व्यवहारिक रूप से सम्भव नही है एवं उक्त सभी 107 अभ्यर्थी राजस्थान राज्य के ही निवासी है। वर्ष 2022 में उतीर्ण समस्त अभ्यर्थी राजस्थान राज्य के होना और समस्त अभ्यर्थी शारीरिक शिक्षा अध्यापक भर्ती परीक्षा – 2022 की चयन सूची में शामिल होना डिग्रियों के फर्जीवाड़े को इंगित करता है। शारीरिक शिक्षा अध्यापक भर्ती परीक्षा-2022 के डेटा विश्लेषण से स्पष्ट हुआ है कि 2067 अभ्यर्थियों ने अपना शारीरिक शिक्षा अध्यापक भर्ती परीक्षा-2022 का फॉर्म भरते समय जेएस विश्वविद्यालय का विद्यार्थी होना या डिग्री प्राप्त होने का उल्लेख किया था ।जो कि इस विश्वविद्यालय के इस कोर्स के लिए स्वीकृत संख्या के कई गुना है।
इस भर्ती परीक्षा में चयनित अभ्यर्थी आवेदन के समय बीपीएड कोर्स में शिक्षा सत्र 2020-22 में अध्ययनरत होना उल्लेखित किया है जबकि चयन उपरान्त उसने शिक्षा सत्र 2017-19 की जेएस विश्वविद्यालय से बीपीएड कोर्स की अंकतालिका अपने पति मन्दीप कुमार के जरिये दलालों के मार्फत फर्जी तरीके से बैक डेट में हासिल कर पीटीआई की नौकरी पा ली। उसका पति मन्दीप कुमार जो शिक्षा विभाग में यूडीसी के पद पर कार्यरत है जो वर्तमान में न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे है।
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(Udaipur Kiran)
