
हुगली, 24 जुलाई (Udaipur Kiran) । बरसात के मौसम में राज्य में बढ़ रहे डेंगू संक्रमण के मामलों के बीच नगर पालिकाएं डेंगू का मुकाबला करने की तैयारी कर रही हैं। इसी क्रम में चांपदानी नगर पालिका इलाके को साफ-सुथरा किया जा रहा है। नालों में कहीं गंदगी इकट्ठा नहीं होने दी जा रही है और यह भी ध्यान दिया जा रहा है कि कहीं भी अनावश्यक जल जमाव न हो।
चांपदानी नगर पालिका के चेयरमैन सुरेश मिश्रा ने बुधवार को (Udaipur Kiran) को बताया कि गत वर्ष चांपदानी में डेंगू के इक्के-दुक्के मामले सामने आए थे। इस वर्ष नगर पालिका ने डेंगू की रोकथाम के लिए विशेष तैयारी की है। नगर पालिका के सफाई कर्मचारी शहर की सफाई में लगे हुए हैं। कहीं भी जल जमाव नहीं होने दिया जा रहा है।
चेयरमैन ने बताया कि पिछले वर्ष चांपदानी में डेंगू के जो मामले सामने आए थे वे डीवीसी नहर से सटे सात, आठ और नौ नंबर वार्ड के थे। डीवीसी नहर की सफाई हुए दो दशकों से भी अधिक का समय बीत चुका है। डीवीसी के नहर में काफी गंदगी है। पानी भी जमा हुआ है। यदि समय रहते डीवीसी नहर की सफाई नहीं करवाई गई तो नहर पर बनी अवैध बस्ती के साथ सात, आठ और नौ नंबर वार्ड में डेंगू के मामले सामने आ सकते हैं। मिश्रा ने कहा कि डीवीसी नहर के सफाई की जिम्मेदारी नगर पालिका की नहीं है। डीवीसी नहर के मामले को उन्होंने जिला प्रशासन के सर्वोच्च स्तर तक उठाया है।
मिश्रा ने अनुरोध किया है कि संबंधित विभाग तत्काल डीवीसी नहर की सफाई करवाए। इसके अलावा मिश्रा ने कहा कि केएमडीए के ठेकेदार के द्वारा हो रहे पाइपलाइन के काम के कारण बरसात में चांपदानी में सड़के खराब हो गई हैं। वहां भी जल जमाव हो रहा है। उन्होंने अनुरोध किया कि केएमडीए के ठेकेदार अपनी जिम्मेदारी को समझें और उसे निभाएं। मिश्रा ने स्थानीय लोगों से भी अनुरोध किया और कि वे यत्र-तत्र गंदगी ना फैलाएं और कहीं भी पानी को जमा न होने दें।
चांपदानी नगर पालिका के चेयरमैन ने बताया कि पिछले वर्ष डेंगू के लार्वा को नष्ट करने के लिए चांपदानी में 75 हजार गप्पी मछलियां छोड़ी गई थी। इस बार तकरीबन एक लाख गप्पी मछलियां छोड़ी जाएगी।
(Udaipur Kiran) / धनंजय पाण्डेय / गंगा
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