Uttrakhand

चंपत राय बोले- सद्विचार से ही राष्ट्र का जागरण संभव, सशक्तिकरण की दिशा में बढ़ाएं कदम 

समारोह को सम्बोधित करते चंपतराय

– युगऋषि आचार्यश्री की आकृति पर होलोग्राम का विमोचन

हरिद्वार, 08 दिसंबर (Udaipur Kiran) । विश्व हिन्दू परिषद के उपाध्यक्ष चंपत राय ने कहा कि हमें अपने समाज को अखंड बनाए रखने के लिए सदैव अपनी परंपराओं, जड़ों और संस्कृति से जुड़े रहना चाहिए। हमारी संस्कृति और परंपराएं ही हमारी पहचान हैं। इन्हीं के माध्यम से हम समाज और राष्ट्र के सशक्तिकरण की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं, तभी समाज और राष्ट्र का जागरण संभव है।

वे देवसंस्कृति विश्व विद्यालय के मृत्युंजय सभागार में आयोजित ज्योति कलश यात्रा कार्यशाला को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। कार्यशाला में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से एक हजार से अधिक गायत्री परिवार के कर्मठ व सक्रिय कार्यकर्त्ता शामिल हैं। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने कहा कि जो समाज से कट गया, उसका पतन होते चला जाता है।

इससे पूर्व देसंविवि के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि ईश्वरीय शक्ति के साथ मिलकर कार्य करना सबसे बड़ा सौभाग्य है, क्योंकि हम भगवान की दिव्य प्रेरणा से उनके कार्यों को आगे बढ़ाने में अपना श्रम, समय लगा रहे हैं। यह समय वास्तव में अकल्पनीय सौभाग्य लेकर आया है, क्योंकि आज हम सब मिलकर युगऋषि आचार्यश्री द्वारा प्रज्वलित दिव्य अखण्ड ज्योति के प्रकाश से जन-जन को आलोकित करने जा रहे हैं। ज्योति अब ज्वाला बन सम्पूर्ण राष्ट्र को प्रकाशित करने जा रही है। उत्तर प्रदेश के परिवहन राज्यमंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा कि गायत्री परिवार का नारा हम बदलेंगे, युग बदलेगा और अब चरितार्थ होते दिखाई दे रहा है। वहीं सायंकालीन सभा में शांतिकुंज व्यवस्थापक योगेन्द्र गिरी, प्रो. विश्वप्रकाश त्रिपाठी आदि ने भी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया।

डॉ. पण्ड्या ने विहिप उपाध्यक्ष चंपतराय एवं परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह, यूके के स्वामी राजेश्वर, गुजरात के पूर्व डीआईजी डीजी वंजारा, अपर निदेशक राजेश अहिरवार को गायत्री महामंत्र लिखित उपवस्त्र, स्मृति चिह्न, युग साहित्य आदि भेंटकर सम्मानित किया। इस अवसर पर डॉ. पण्ड्या एवं अतिथियों ने युगऋषि आचार्यश्री की आकृति में होलोग्राम का विमोचन किया।

इससे पूर्व विहिप उपाध्यक्ष चंपतराय एवं परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह एवं अतिथियों ने विवि के विभिन्न प्रकल्पों का अध्ययन किया। अतिथियों ने विश्वविद्यालय द्वारा किए जा रहे सकारात्मक कार्यों की प्रशंसा करते हुए इसे समाज के लिए एक आदर्श कार्य बताया।

(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला

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