धमतरी, 18 अक्टूबर (Udaipur Kiran) ।नगर निगम नगर निगम धमतरी के अधिकारी-कर्मचारी टैक्स वसूलने काफी पीछे चल रहे हैं। सात माह में सिर्फ दो करोड़ रुपये टैक्स वसूली हुई है, जबकि सात करोड़ रुपये वसूलना अभी शेष है। बचे पांच माह के भीतर सात करोड़ रुपये की टैक्स वसूली अब निगम कर्मचारियों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है, क्योंकि शासन ने नगर निगम के अधिकारी-कर्मचारियों को माह के पहले ही दिन वेतन देने निर्देशित किया है। टैक्स वसूली में पिछले निगम के कर्मचारियों को माह के पहले ही दिन वेतन का भुगतान नहीं हो पा रहा है।
नगर निगम धमतरी को शहरवासियों से संपत्ति कर, समेकित कर, जल कर, दुकानों का किराया, भवन भूखंड, दुकानों की बिक्री, प्रीमियम भवन, कालोनी अनुज्ञा, विज्ञापन होर्डिंग्स से आय, पार्किंग, पशु पंजीयन व प्रदर्शनी और यूजर चार्जेस समेत अन्य करों को मिलाकर कुल नौ करोड़ 41 लाख रुपये का कर वसूलना है। इसमें से अभी तक नगर निगम के अधिकारी-कर्मचारियों ने कुल दो करोड़ चार लाख रुपये के ही कर वसूली कर पाए हैं, जो वसूली का कुल 21 प्रतिशत है। सबसे ज्यादा संपत्ति कर दो करोड़ 13 लाख में सिर्फ 29 लाख रुपये की वसूली हुई है, जो वसूली का 13 प्रतिशत है। इसी तरह जल कर एक करोड़ 28 लाख रुपये है, जिसमें से 10 लाख रुपये की ही वसूली हुई है।
नगर निगम के अधिकारी-कर्मचारियों ने पिछले सात माह में यह कर वसूल पाया है, जबकि शेष सात करोड़ से अधिक रुपये की वसूली करने के लिए निगम के पास सिर्फ पांच माह का समय शेष है। इसके बाद पुन नया वित्तीय वर्ष शुरू हो जाएगा। ऐसे में बकाया सात करोड़ रुपये की कर वसूलना निगम के अधिकारी-कर्मचारियों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। क्योंकि कर वसूली के लिए पर्याप्त समय नहीं है। जबकि कर वसूली के लिए निगम के पास आनलाइन की सुविधा भी उपलब्ध है, फिर भी कर वसूली करने में निगम कर्मचारी कमजोर पड़ रहा है। शासन के आदेशानुसार नगर निगम में पदस्थ अधिकारी-कर्मचारियों को माह के पहले दिन पेमेंट का भुगतान किया जाना है, लेकिन नगर निगम में पर्याप्त करो की वसूली नहीं होने से आर्थिक तंगी की स्थिति बना रहती है।
(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा