नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी के यूनिवर्सिटी इन्क्लूजन एंड एक्सेसिबिलिटी सेल (यूआईएसी) ने एडवांसिंग डिसएबिलिटी इन्क्लूजन प्रैक्टिसेज: कम्युनिकेशन, एक्सेसिबिलिटी और लेजिस्लेशन नामक एक नया सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किया है।
यह कोर्स प्रतिभागियों को दिव्यांग व्यक्तियों के लिए समावेशी वातावरण बनाने और उन्हें नेतृत्व देने के लिए आवश्यक उपकरण और ज्ञान प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
इस कोर्स का उद्देश्य दिव्यांग व्यक्तियों के लिए समावेशी वातावरण बनाने में मदद करना है, जिससे वे अपनी पूरी क्षमता का उपयोग कर सकें।
दिव्यांग व्यक्तियों के लिए समावेशी वातावरण बनाना, संचार, सुलभता और कानूनी अधिकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाना, दिव्यांग व्यक्तियों के लिए समावेशी नीतियों का विकास करना इत्यादि इसमें शामिल हैं।
यूनिवर्सिटी के कुलसचिव डॉ. कमल पाठक ने इस अवसर पर दिव्यांग व्यक्तियों के लिए सुलभता और सशक्तिकरण की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हमें समावेशी वातावरण पर ध्यान केंद्रित करने वाली मजबूत नीतियों की वकालत करनी चाहिए। समाज में समानता बनाए रखने के लिए एक सामूहिक प्रयास और सामाजिक जिम्मेदारी की ज़रूरत है।
इस अवसर पर एडवांसिंग डिसएबिलिटी इन्क्लूजन प्रैक्टिसेज: कम्युनिकेशन, एक्सेसिबिलिटी और लेजिस्लेशन पर एक संसाधन किट का कवर पेज जारी किया गया। यह संसाधन किट व्यक्तियों, संगठनों और संस्थानों को विभिन्न क्षेत्रों में दिव्यांगता समावेश को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक ज्ञान और उपकरण प्रदान करने के लिए डिज़ाइन की गई है।
इसके अलावा, यूआईएसी इन्क्लूजन एंड एक्सेसिबिलिटी ई-मैगज़ीन(द्विवार्षिक) भी लॉन्च किया गया, जिसमें दिव्यांग व्यक्तियों के जीवन के अनुभवों में प्रेरक कहानियों, शोध और अंतर्दृष्टि को साझा किया गया है।
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(Udaipur Kiran) / सुशील कुमार