
शिमला, 25 मार्च (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश में जलाशयों का जल स्तर काफी गिर गया है। इसका असर जल विद्युत उत्पादन और फसलों की सिंचाई पर पड़ सकता है। राज्यसभा में सांसद डॉ. सिकंदर कुमार के सवाल के जवाब में केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री राज भूषण चौधरी ने बताया कि राज्य के जलाशयों में जलस्तर में उल्लेखनीय गिरावट आई है। उन्होंने बताया कि केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) द्वारा 13 मार्च 2025 को जारी बुलेटिन के अनुसार हिमाचल के तीन प्रमुख जलाशयों में उपलब्ध लाइव स्टोरेज मात्र 2.624 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) रह गया है, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह 3.994 बीसीएम था। वहीं पिछले दस वर्षों का औसत भंडारण 3.937 बीसीएम रहा है।
मंत्री ने बताया कि इस वर्ष जलाशयों में जल भंडारण की स्थिति सामान्य से 33 फीसदी कम दर्ज की गई है, जिससे जल विद्युत उत्पादन और सिंचाई सुविधाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। कम वर्षा और बर्फबारी के कारण केंद्रीय जल आयोग ने हिमाचल प्रदेश सरकार को एडवाइजरी जारी की है और राज्य सरकार से इस संकट से निपटने के लिए आवश्यक कदम उठाने का आग्रह किया है।
इससे पहले सांसद डॉ. सिकंदर कुमार ने सदन में केंद्र सरकार से पूछा कि क्या उसके संज्ञान में यह तथ्य आया है कि केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के अनुसार राज्य के प्रमुख जलाशयों का जलस्तर पिछले वर्ष की तुलना में कम हो गया है? उन्होंने यह भी जानना चाहा कि क्या सरकार को हिमाचल प्रदेश में वर्षा की भारी कमी और सूखे जैसे हालात की जानकारी है, जिससे सिंचाई और विद्युत उत्पादन प्रभावित हो सकता है और पेयजल संकट भी गहरा सकता है।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
