


नई दिल्ली, 26 मई (Udaipur Kiran) । केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जयंत चौधरी की अध्यक्षता में सोमवार को केंद्रीय प्रशिक्षुता परिषद (सीएसी) ने दो योजनाओं के तहत प्रशिक्षुओं को देय न्यूनतम मासिक वजीफा 30 फीसदी तक बढ़ाने का फैसला किया है। प्रस्तावित बढ़ोतरी की अधिसूचना जारी होने के बाद वर्तमान में यह राशि 5,000-9,000 रुपये है, जिसे बढ़ाकर 6,800-12,300 रुपये कर दिया जाएगा।
कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय ने जारी एक बयान में बताया कि नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में जयंत चौधरी की अध्यक्षता में आयोजित केंद्रीय प्रशिक्षुता परिषद (सीएसी) की 38वीं बैठक में भारत के युवाओं के लिए प्रशिक्षुता को अधिक फायदेमंद और आकांक्षापूर्ण बनाने के लिए एक ऐतिहासिक कदम में राष्ट्रीय प्रशिक्षुता संवर्धन योजना (एनएपीएस) और राष्ट्रीय प्रशिक्षुता प्रशिक्षण योजना (एनएटीएस) के तहत प्रदान किए जाने वाले वजीफे में 30 फीसदी की वृद्धि की सिफारिश की गई।
मंत्रालय के मुताबिक केंद्रीय प्रशिक्षुता परिषद की आयोजित इस बैठक में भारत के उभरते प्रशिक्षुता परिदृश्य की समीक्षा की गई, जिसमें परिणाम को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण सुधारों पर चर्चा की गई। इस सिफारिश में मौजूदा 5,000-9,000 रुपये के वजीफे को संशोधित कर 6,800-12,300 रुपये किया जाएगा, जिसका उद्देश्य ड्रॉपआउट दरों को कम करना और विभिन्न क्षेत्रों में अधिक उम्मीदवारों को आकर्षित करना है।
इस अवसर पर जयंत चौधरी ने कहा, प्रशिक्षुता केवल कौशल प्रदान करने का तंत्र नहीं है, यह एक ऐसा पुल है जो शिक्षा, उद्योग और रोजगार को जोड़ता है, खासकर हमारे ग्रामीण युवाओं के लिए। एनएपीएस और एनएटीएस को मजबूत कानूनी ढांचे द्वारा समर्थित स्तंभों के रूप में देखते हुए, हम इसे अधिक समावेशी, उत्तरदायी और आकांक्षी बनाने के लिए सक्रिय रूप से सुधार कर रहे हैं।
(Udaipur Kiran) /प्रजेश शंकर
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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर
