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केंद्रीय उच्च स्तरीय समिति ने उत्तराखंड समेत विभिन्न राज्यों के लिए कई आपदा शमन और क्षमता निर्माण परियोजनाओं को दी मंजूरी

केंद्रीय उच्च स्तरीय समिति ने उत्तराखंड समेत विभिन्न राज्यों के लिए कई आपदा शमन और क्षमता निर्माण परियोजनाओं को दी मंजूरी

– केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में नई दिल्ली में हुई बैठक में समिति ने दी मंजूरी

देहरादून, 25 जुलाई (Udaipur Kiran) । केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में गुरुवार को नई दिल्ली में हुई बैठक में एक उच्च स्तरीय समिति ने विभिन्न राज्यों के लिए कई आपदा शमन और क्षमता निर्माण परियोजनाओं को मंजूरी दी है।

समिति ने छह शहरों में शहरी बाढ़ से निपटने, चार पहाड़ी राज्यों में ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट बाढ़ (जीएलओएफ) को कम करने और तीन राज्यों में अग्निशमन सेवाओं को मजबूत करने के लिए राष्ट्रीय आपदा शमन कोष (एनडीएमएफ) और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (एनडीआरएफ) से फंडिंग के कुल नौ प्रस्तावों पर विचार किया। समिति ने सभी 28 राज्यों में युवा आपदा मित्र योजना लागू करने के प्रस्ताव पर भी विचार किया।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आपदा प्रतिरोधी भारत के विजन को साकार करने के लिए गृह मंत्रालय ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में देश में आपदाओं के प्रभावी प्रबंधन को सुनिश्चित करने के लिए कई पहल की है। भारत में आपदा जोखिम न्यूनीकरण प्रणाली को मजबूत करके आपदाओं के दौरान जान-माल को होने वाले बड़े नुकसान को रोकने के लिए अनेक कदम उठाए गए हैं। बैठक में उच्च स्तरीय समिति ने तेलंगाना, गुजरात, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र के छह महानगरों यथा मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु, हैदराबाद, अहमदाबाद और पुणे में शहरी बाढ़ प्रबंधन के लिए 2514.36 करोड़ रुपये की कुल लागत वाली छह परियोजनाओं को मंजूरी दी। इससे पहले 27 नवंबर 2023 को उच्च स्तरीय समिति ने तमिलनाडु राज्य के लिए चेन्नई में 561.29 करोड़ रुपये की लागत से बाढ़ प्रबंधन के लिए एकीकृत समाधान वाले परियोजना प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।

उच्च स्तरीय समिति ने असम, कर्नाटक और तमिलनाडु के लिए राज्यों में अग्निशमन सेवाओं के विस्तार और आधुनिकीकरण योजना के तहत 810.64 करोड़ रुपये के कुल खर्च वाले तीन परियोजना प्रस्तावों को भी मंजूरी दी। केंद्र सरकार ने इस योजना के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (एनडीआरएफ) के तहत कुल पांच हजार करोड़ रुपये आवंटित किए हैं और 11 राज्यों के1691.43 करोड़ रुपये के खर्च वाले प्रस्तावों को पहले ही मंजूरी दे दी थी। साथ ही उच्च स्तरीय समिति ने हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश राज्यों के लिए 150 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय पर जीएलओएफ जोखिम शमन के लिए एक परियोजना प्रस्ताव को भी मंजूरी दी। जीएलओएफ जोखिम शमन परियोजना इन चार राज्यों को जीएलओएफ जोखिमों से निपटने के लिए आवश्यक शमन उपाय करने में आवश्यक प्रोत्साहन प्रदान करेगी।

उच्च स्तरीय समिति ने राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (एनडीआरएफ) से 470.50 करोड़ रुपये की लागत से युवा आपदा मित्र योजना (वाईएएमएस) के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी, जिसे देश के 315 सबसे अधिक आपदा-संभावित जिलों में मास्टर ट्रेनर के रूप में 1300 प्रशिक्षित आपदा मित्र वॉलंटियर्स और विशेष रूप से एनसीसी, एनएसएस, एनवाईकेएस और बीएस एंड जी (भारत स्काउट्स एंड गाइड्स) से लिए गए 2.37 लाख वॉलंटियर्स को आपदा तैयारी व प्रतिक्रिया में प्रशिक्षित करने के लिए लागू किया जाएगा। यह कदम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अनुरूप है। इसके तहत किसी भी आपदा के दौरान समुदाय को पहली उत्तरदाता के रूप में तैयार करने पर जोर दिया गया है। इससे पहले सरकार की ओर से लागू की गई ‘आपदा मित्र’ योजना के तहत देश के 350 सबसे अधिक आपदा-संभावित जिलों में आपदा प्रतिक्रिया के लिए लगभग एक लाख सामुदायिक वॉलंटियर्स को प्रशिक्षित किया गया है। ये कुशल और प्रशिक्षित ‘आपदा मित्र’ और ‘आपदा सखियां’ किसी भी आपदा से निपटने में स्थानीय प्रशासन की सहायता करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष के दौरान राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) के तहत 14 राज्यों को 6348 करोड़ रुपये और राज्य आपदा न्यूनीकरण कोष (एसडीएमएफ) के तहत छह राज्यों को 672 करोड़ रुपये जारी किए हैं। इसके अलावा राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (एनडीआरएफ) के तहत 10 राज्यों को 4265 करोड़ रुपये की राशि जारी की जा चुकी है।

(Udaipur Kiran) / कमलेश्वर शरण / प्रभात मिश्रा

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