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पश्चिम बंगाल का नाम बदलकर ‘बांग्ला’ करने को मंजूरी दे केंद्र सरकार, टीएमसी ने राज्यसभा में उठाई मांग

राज्यसभा में मंगलवार को शून्यकाल के दाैरान प. बंगाल के नामांतरण की मांग उठाते टीएमसी सांसद रीताब्रत बनर्जी

नई दिल्ली, 4 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । राज्यसभा में मंगलवार को पश्चिम बंगाल का नाम बदलकर ‘बांग्ला’ करने की मांग की गई। इसके पीछे यह तर्क दिया गया कि नया नाम राज्य के इतिहास और संस्कृति को बेहतर ढंग से प्रतिबिंबित करेगा।

शून्यकाल के दौरान आल इंडिया तृणमूल कांग्रेस की सदस्य रीताब्रत बनर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल विधानसभा ने जुलाई 2018 में सर्वसम्मति से नाम बदलने का प्रस्ताव पारित किया था लेकिन केंद्र सरकार ने अभी तक इसे मंजूरी नहीं दी है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस बारे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र भी लिखा था। पत्र में ममता ने कहा था नामांतरण से राज्य के इतिहास, संस्कृति और पहचान के साथ-साथ लोगों की आकांक्षाओं का भी पता चलेगा। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के लोगों के जनादेश का सम्मान किया जाना चाहिए।

बनर्जी ने कहा कि आज कोई पूर्वी पाकिस्तान नहीं है। हमारे राज्य का नाम बदलने की जरूरत है। पश्चिम बंगाल के लोगों के जनादेश का सम्मान किए जाने की जरूरत है। आखिरी बार 2011 में किसी राज्य का नाम बदला गया था, जब उड़ीसा का नाम बदलकर ओडिशा किया गया था।’

इसी तरह राज्यसभा में बीजू जनता दल (बीजद) के देबाशीष सामंतराय ने महानदी तट पर हर साल मनाए जाने वाले त्योहार बाली जात्रा को राष्ट्रीय पर्व का दर्जा देने की मांग की। उन्होंने कहा कि एक समय राज्य के नाविक व्यापार और संस्कृति के विस्तार के लिए प्राचीन काल में इंडोनेशिया, बोर्नियो और श्रीलंका में बाली, सुमात्रा और जावा जाते थे। तृणमूल कांग्रेस की ममता ठाकुर ने गंगासागर मेले के पौराणिक महत्व को रेखांकित करते हुए इसे राष्ट्रीय मेले का दर्जा दिए जाने की मांग उठाई। महाकुंभ में भगदड़ की घटना का जिक्र कर उन्होंने केंद्र सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि अगर इस तरह की घटना गंगासागर में हुई होती तो अब तक केंद्र सरकार की कई टीमें बंगाल पहुंच गई होतीं। भाजपा के के. लक्ष्मण ने भगवान ऋषभदेव की जयंती को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाने की मांग की।

आम आदमी पार्टी के विक्रमजीत सिंह साहनी ने देश में बढ़ती बेरोजगारी पर चिंता जताते हुए सरकार से इस बारे में अल्पकालिक चर्चा की मांग की। उन्होंने कहा कि यह एक कटु सत्य है कि पिछले वर्ष आईआईटी से निकलने वाले करीब 38 प्रतिशत छात्रों को प्लेसमेंट नहीं मिला।

टीएमसी के साकेत गोखले ने आग्रह किया कि पेट्रोल में सस्ते इथेनॉल का लाभ उपभोक्ताओं को दिया जाना चाहिए। टीएमसी की सुष्मिता देव ने अनुरोध किया कि जलमार्ग के माध्यम से माल की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए असम में बराक नदी की सफाई की जाए।

भाजपा की कविता पाटीदार ने रेलवे लाइन अंडरपास की बाढ़ को दूर करने के लिए भूजल पुनर्भरण जैसी जल संरक्षण रणनीतियों की वकालत की। पीटी उषा (मनोनीत) ने केरल के कोझिकोड जिले के किनालूर में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की स्थापना किये जाने की मांग की।

कृषि पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को संबोधित करते हुए भारतीय जनता पार्टी के एस. सेल्वागणपति ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे अनियमित मौसम पैटर्न ने फसल की पैदावार को नुकसान पहुंचाया है, जिसके कारण किसानों को काफी नुकसान हुआ है। उन्होंने बीजों की नई किस्मों का परीक्षण करने की सिफारिश की, जो इन मौसम के उतार-चढ़ाव को झेल सकें।

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(Udaipur Kiran) / दधिबल यादव

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