शिमला, 23 अगस्त (Udaipur Kiran) । अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता अतुल लोंढे पाटिल ने केंद्र की भाजपा सरकार से पूछा है कि वह अडानी व सेबी की कथित आर्थिक अनिमितताओं की जेपीसी जांच करवाने से क्यों घबरा रही है। उन्होंने कहा है कि देश जानना चाहता है कि केंद्र की मोदी सरकार अडानी पर इतनी मेहरबान क्यों है।
अतुल लोंढे पाटिल ने शुक्रवार को शिमला में पत्रकार वार्ता के दौरान केंद्र की भाजपा सरकार पर आरोप लगाया है कि उसने वित्त सेक्टर पर निगरानी रखने वाली सर्वाेच्च संस्था सेबी की साख को भी दांव पर लगा दिया है। उन्होंने कहा कि सेबी प्रमुख ने जिस प्रकार से लाखो शेयर निवेशकों को नुकसान पहुंचा कर अडानी को लाभ पहुंचाया है वह बहुत ही गंभीर मामला है इसलिए सेबी के अध्यक्ष को उनके पद से हटा कर इसकी जांच बहुत ही जरूरी है।
पाटिल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृह मंत्री अमित पर आरोप लगाया कि नियमों को ताक पर रख कर देश की सम्पतियां अडानी को बेची जा रही है। उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट से लेकर पोर्ट तक अडानी को दिए जा रहें है। नीति आयोग व वित्त मंत्रालय की आपत्तियों के बाबजूद छह एयरपोर्ट अडानी को सौंपे गए है। इसके अलावा किसी भी प्रतिस्पर्धा बोली में शामिल हुए बगैर निजी बन्दरगाह के मालिकों पर सरकारी छापों की मदद से आज अडानी देश के सबसे बड़े बंदरगाह ऑपरेटर बन गए है।
पाटिल ने कहा कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में पूंजी बाजार के अडानी स्टॉक हेराफेरी, लेखांकन धोखाधड़ी को इंगित करता है और यह हिमशैल का सिरा है। इसलिए केवल एक जेपीसी ही इस मोदानी मेघ घोटाले कि सही जांच कर सकती है।
पाटिल ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने संसद में सरकार से पूछा था कि सेबी अध्यक्ष माधबी पुरी बुच ने आरोपों के बाद पद क्यों नही छोड़ा दूसरा यदि निवेशक अपनी गाढ़ी कमाई खो देते है वह किसे जवाबदेह ठहराएंगें जिसका केंद्र सरकार ने कोई भी जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस देश को बिकने नही देगी और जनता की आवाज बन कर केंद्र सरकार के भ्रष्टाचार को उजागर करेगी।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा शुक्ला