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विमल नेगी मौत मामला: जांच के लिए शिमला पहुंची सीबीआई टीम

Cbi

शिमला, 29 मई (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की रहस्यमयी मौत के मामले की जांच अब सीबीआई के हाथ में पहुंच चुकी है। सीबीआई की चार सदस्यीय टीम गुरुवार को दिल्ली से शिमला पहुंची। डीएसपी ब्रिजेंद्र प्रसाद सिंह के नेतृत्व में सीबीआई की टीम शुक्रवार से इस हाई-प्रोफाइल मामले की तहकीकात शुरू करने जा रही है।

सीबीआई ने दिल्ली में भारतीय न्याय संहिता की धारा 108 और 3(5) के तहत मामला दर्ज किया है। यह केस न्यू शिमला थाना से ट्रांसफर होकर सीबीआई को हाईकोर्ट के आदेशों के तहत सौंपा गया है। जांच के लिए डीएसपी ब्रिजेंद्र प्रसाद सिंह के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया है, जिसमें इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार और सब-इंस्पेक्टर नीलेश सिंह को भी शामिल किया गया है।

सीबीआई टीम शिमला पहुंचकर न केवल पावर कॉरपोरेशन कार्यालय के कर्मचारियों से पूछताछ कर सकती है, बल्कि शिमला पुलिस द्वारा पहले की गई जांच से जुड़े दस्तावेज और रिकॉर्ड भी अपने कब्जे में लेने की तैयारी में है। माना जा रहा है कि स्थानीय एसआईटी की जांच में आए विरोधाभासों के चलते अब सीबीआई गहराई से पड़ताल करेगी।

गौरतलब है कि चीफ इंजीनियर विमल नेगी 10 मार्च को रहस्यमयी परिस्थितियों में लापता हो गए थे और आठ दिन बाद उनका शव बिलासपुर जिले की गोविंदसागर झील से बरामद हुआ। इस मामले की शुरुआत में जांच शिमला पुलिस की एसआईटी द्वारा की गई थी। करीब डेढ़ महीने तक चली जांच के बाद पुलिस ने रिपोर्ट हाईकोर्ट में प्रस्तुत की। लेकिन मृतक की पत्नी किरण नेगी ने इस जांच पर सवाल उठाते हुए सीबीआई से निष्पक्ष जांच की मांग की।

हाईकोर्ट ने किरण नेगी की याचिका को स्वीकार करते हुए मामले की गंभीरता और पुलिस जांच में पाई गई खामियों को देखते हुए केस सीबीआई को सौंप दिया। कोर्ट में दाखिल शिमला पुलिस की रिपोर्ट और डीजीपी द्वारा प्रस्तुत हलफनामे में कई विरोधाभास सामने आए थे, जिन्हें कोर्ट ने गंभीरता से लिया।

इस मामले ने न केवल जांच एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए बल्कि राज्य के प्रशासनिक गलियारों में भी भूचाल ला दिया। कोर्ट के आदेश के तुरंत बाद शिमला के एसपी संजीव गांधी ने मीडिया के सामने आकर डीजीपी डॉ. अतुल वर्मा पर तीखा हमला बोला और उनके हलफनामे को ‘भ्रामक और गैर-जिम्मेदाराना’ बताया। इसके जवाब में डीजीपी ने गृह विभाग को पत्र लिखकर एसपी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश कर दी।

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रदेश सरकार ने पूरे मामले पर सख्त रुख अपनाते हुए तत्काल प्रभाव से अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) ओंकार शर्मा, डीजीपी अतुल वर्मा और एसपी संजीव गांधी को छुट्टी पर भेज दिया। ओंकार शर्मा के विभाग अन्य तीन आईएएस अधिकारियों में बांट दिए गए हैं, जबकि डीजीपी पद की जिम्मेदारी अशोक तिवारी को और एसपी शिमला का अतिरिक्त कार्यभार सोलन के एसपी गौरव सिंह को सौंपा गया है।

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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा

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