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लखनऊ, 23 जुलाई (Udaipur Kiran) । लखनऊ की सीबीआई कोर्ट ने लखनऊ विकास प्राधिकरण के तहत 1987 से 1999 के बीच हुए जानकीपुरम प्लॉट आवंटन घोटाले में तत्कालीन संयुक्त सचिव आर.एन.सिंह को तीन वर्ष, कर्मचारी राजनारायण द्विवेदी को चार वर्ष, महेन्द्र सिंह सेंगर को तीन वर्ष और दिवाकर सिंह को तीन वर्ष की सजा सुनायी है।
इसके साथ ही कोर्ट ने आर.एन.सिंह पर 35 हजार, राजनारायण पर साठ हजार, महेन्द्र सेंगर पर पन्द्रह हजार, दिवाकर सिंह पर पन्द्रह हजार का जुर्माना भी लगाया है। सीबीआई कोर्ट ने मुकदमा अवधि के दौरान दो आरोपितों की मौत होने के कारण उनके विरुद्ध मुकदमा समाप्त कर दिया है। जबकि कोर्ट ने एक आरोपित को मुकदमें से बरी कर दिया।
बताया जा रहा है कि 28 फरवरी वर्ष 2006 को हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने जानकीपुरम में 123 प्लॉटों के आवंटन से जुड़ा मामला दर्ज किया था। आरोप था कि वर्ष 1987 से 1999 की अवधि के दौरान प्राधिकरण की जानकीपुरम योजना के अंतर्गत 123 भूखण्डों को संयुक्त सचिव और उप सचिव स्तर के विभिन्न अधिकारियों द्वारा एलडीए के तत्कालीन प्रधान लिपिकों व अन्य लिपिकों की मिलीभगत से उन लोगों को आवंटित किया था, जिन्होंने पंजीकरण फॉर्म नहीं भरे थे। आवंटन एवं वितरण के लिए अपेक्षित रकम जमा नहीं की गयी थी।
(Udaipur Kiran) / शरद चंद्र बाजपेयी / दिलीप शुक्ला
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