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ओबुलापुरम खनन मामले में सीबीआई कोर्ट ने पांच काे माना दाेषी, पूर्व मंत्री व पूर्व सचिव बरी

Janardhan Reddy

हैदराबाद, 6 मई (Udaipur Kiran) । नामपल्ली सीबीआई कोर्ट ने मंगलवार काे ओबुलापुरम माइनिंग कंपनी (ओएमसी) के अवैध खनन

मामले में अपना अंतिम फैसला सुना दिया है। लंबी सुनवाई के बाद कोर्ट ने इस मामले में आरोपित कंपनी के अलावा चार लोगों को दोषी ठहराया है। जबकि दो लाेगाें को निर्दोष करार दिया है। इस मामले में तत्कालीन खनन मंत्री सबिता इंद्रा रेड्डी और तत्कालीन उद्योग सचिव कृपानंदम को भी सीबीआई कोर्ट ने बरी कर दिया है। इसके साथ ही दाेषी कंपनी के खिलाफ

दाे लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।

दरअसल, 18 जून 2007 को तत्कालीन राजशेखर रेड्डी की कांग्रेस सरकार ने ओएमसी को पट्टे आवंटित करने के आदेश जारी किए थे। इस मामले में सीबीआई ने पहली बार 7 दिसंबर 2009 को मामला दर्ज किया, जिसमें ‘captive (कैप्टिव)’ शब्द को जानबूझकर हटाने में अनियमितता का आरोप लगाया गया। उसके बाद तेलंगाना हाई कोर्ट ने इस मामले में स्टे दिया गया और फिर डिविजन बेंच ने स्टे हटा दिया। कई याचिकाएं दायर होने के बाद करीब 15 साल तक सुनवाई चलती रही। जांच में ही पांच साल लग गए। सीबआई ने वर्ष 2009 से 2014 तक चार चार्जशीट दाखिल कीं। सीबीआई ने पाया है कि निर्यात और बिक्री में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं हुई हैं। अधिकारियों ने पाया है कि आंध्र प्रदेश और कर्नाटक की सीमाओं पर बड़े पैमाने पर अवैध खनन किया गया है। इस संबंध में पूरे साक्ष्य और सबूत एकत्र करने के बाद सीबीआई ने 2014 में एक आरोप पत्र दायर किया गया था। सीबीआई के आरोप पत्र में कहा गया है कि लगभग 60 मीट्रिक टन लौह अयस्क को अवैध रूप से विदेश में निर्यात किया गया है और अवैध बेनामी लेनदेन पाए गए हैं।

सीबीआई काेर्ट ने सुनवाई के बाद मंगलवार काे अपने फैसले में मुख्य आरोपित गली जनार्दन रेड्डी, बीवी श्रीनिवास रेड्डी, मेफाज अली खान और तत्कालीन खनन विभाग के निदेशक वीडी राजगोपाल के साथ ओएमसी कंपनी काे दोषी पाया। काेर्ट ने गली जनार्दन रेड्डी और चार अन्य को सात साल की सजा सुनाई। साथ ही दोषियों पर 10-10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। काेर्ट ने इस मामले में दोषी पाई गई ओबुलापुरम माइनिंग कंपनी पर 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया। कोर्ट ने साफ किया कि अगर जुर्माना नहीं भरा गया तो उसे एक साल और जेल में रहना होगा।

इस मामले में काेर्ट ने कांग्रेस के पूर्व राज्य मंत्री सबिता इंद्र रेड्डी के साथ एक अन्य आराेपित तत्कालीन उद्योग सचिव कृपानंदम को बरी कर दिया। एक अन्य आराेपित लिंगा रेड्डी की सुनवाई के दौरान माैत हो चुकी। इस मामले में आराेपित राज्य खनन सचिव श्रीलक्ष्मी को 2022 में तेलंगाना हाई काेर्ट ने बरी कर दिया था।

खनन विभाग के निदेशक काे अतिरिक्त सजा

वीडी राजगोपाल को इस मामले में चार साल की अतिरिक्त सजा सुनाई गई है। उन्हें भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अतिरिक्त सजा सुनाई गई क्योंकि वे भूमिगत खनन विभाग के निदेशक थे। सरकारी अधिकारी रहते हुए अनियमितताएं करने के लिए उन्हें कुल 11 साल की सजा सुनाई गई है।

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(Udaipur Kiran) / नागराज राव

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