-प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास योजना, 2024 पर एफएक्यू को किया जारी
नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने मंगलवार को प्रत्यक्ष कर से संबंधित ‘विवाद से विश्वास’ योजना 2024 के बारे में मार्गदर्शन जारी किया है। सीबीडीटी ने प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्नों (एफएक्यू) के रूप में एक मार्गदर्शन नोट जारी किया है।
वित्त मंत्रालय ने जारी एक बयान में कहा कि सीबीडीटी ने स्पष्टता प्रदान करने के लिए प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास योजना, 2024 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों (एफएक्यू) को जारी किया है। मंत्रालय के मुताबिक इस नोट को स्पष्टता प्रदान करने और करदाताओं को योजना के प्रावधानों को बेहतर रूप से समझने में सहायता प्रदान करने के लिए तैयार किया गया है।
मंत्रालय ने कहा कि सीबीडीटी ने अक्सर पूछे जाने वाले सवालों (एफएक्यू) के रूप में जारी इस पत्र में विवाद समाधान योजना का लाभ उठाने के लिए पात्र संस्था और भुगतान किए जाने वाले करों से संबंधित विभिन्न सवालों के जवाब दिए हैं। इस मार्गदर्शन नोट को आयकर विभाग के आधिकारिक पोर्टल https://incometaxindia.gov.in/news/circular-12-2024.pdf पर देखा जा सकता है।
आयकर विभाग ने कहा कि उसे इस योजना के एक अक्टूबर, 2024 को प्रभावी रूप से अधिसूचित होने के बाद विभिन्न प्रावधानों के संबंध में मार्गदर्शन मांगने वाले हितधारकों से कई सवाल मिले हैं। इस योजना को लागू करने के लिए संबंधित नियमों और प्रपत्रों को 20 सितंबर, 2024 को अधिसूचित किया गया है। हालांकि, इस योजना की समाप्ति तिथि अभी अधिसूचित नहीं की गई है।
डीटीवीएसवी योजना, 2024 के विस्तृत प्रावधानों के लिए वित्त (संख्या 2) अधिनियम, 2024 की धारा 88 से 99 को प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास नियम, 2024 के साथ संदर्भित किया जा सकता है।
‘विवाद से विश्वास’ योजना का लाभ वे करदाता उठा सकते हैं, जिनके विवाद या अपील 22 जुलाई, 2024 तक सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट, आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण, आयुक्त अथवा संयुक्त आयुक्त (अपील) के समक्ष लंबित हैं। इसके अलावा इनमें रिट और विशेष अनुमति याचिकाएं (अपील) शामिल हैं, चाहे वे करदाता या कर अधिकारियों द्वारा दायर की गई हों।
योजना में विवाद समाधान पैनल (डीआरपी) के समक्ष लंबित मामले और आयकर आयुक्त के समक्ष लंबित पुनरीक्षण याचिकाएं भी शामिल होंगी। यदि कोई करदाता योजना का लाभ उठाने के लिए 31 दिसंबर, 2024 से पहले घोषणा दाखिल करते हैं, तो उन्हें विवादित कर मांग का 100 फीसदी भुगतान करना होगा। ऐसे मामलों में उनका ब्याज और जुर्माना माफ कर दिया जाएगा। हालांकि, ऐसे मामलों में जहां घोषणा एक जनवरी, 2025 को या उसके बाद की जाती है, तो विवादित कर मांग का 110 फीसदी करदाता को चुकाना होगा।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रत्यक्ष कर से संबंधित विवाद से विश्वास (डीटीवीएसवी) योजना, 2024 की घोषणा केंद्रीय बजट 2024-25 में लंबित आयकर विवादों का समाधान करने के लिए की थी। ये योजना वित्त (संख्या 2) अधिनियम, 2024 के माध्यम से अधिनियमित की गई है।
(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर