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अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पुष्कर पशु मेले में पहुंचे पशुपालक;रेतीले धोरे हुए आबाद

अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पुष्कर पशु मेले में पहुंचे पशुपालक;रेतीले धोरे हुए आबाद
अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पुष्कर पशु मेले में पहुंचे पशुपालक;रेतीले धोरे हुए आबाद

अजमेर, 04 नवम्बर (Udaipur Kiran) । विश्व प्रसिद्ध पुष्कर पशु मेले में बिक्री के लिए आने वाले पशुओं की संख्या में दिनों दिन इजाफा हो रहा है। वहीं पशुपालकों के साथ-साथ पशु खरीदने के लिए विभिन्न क्षेत्रों से काफी संख्या में पशु व्यापारी भी पहुंच रहे हैं। व्यापारियों के बीच पशुओं का खरीदारी का सिलसिला शुरू हो गया है। पशु मेले में काफी संख्या में पशु पहुंच गए हैं तथा इनकी आवक लगातार निरंतर जारी है। मेले में आए जानवरों में ऊंटों की संख्या अधिक है। मोतीसर रोड से सटे नए मेला मैदान में पशुपालक अपने-अपने जानवरों के साथ खुले आसमान के नीचे डेरे डाल रहे हैं। वहीं पशुपालकों की सुविधा के लिए पशुपालन विभाग की ओर से पानी, बिजली, चारा, चिकित्सा आदि की माकुल व्यवस्थाएं की जा रही है। मेले में आने वाले पशुओं के पंजीयन व स्वास्थ्य परीक्षण के लिए विभाग की ओर से शहर के सभी प्रवेश मार्गों पर 13 चौकियों की स्थापना की गई है। पशुओं के उपचार के लिए स्थायी पशु चिकित्सालय के अलावा सनसेट पॉइंट पर अस्थायी पशु चिकित्सालय खोला गया है तथा चिकित्सकों की मोबाइल टीमें भी गठित की गई है। पशु व पशुपालकों के साथ-साथ अस्थाई दुकानदारों ने मेला क्षेत्र में दुकानें व थडिय़ां सजानी शुरू कर दी है। मेलार्थियों के मनोरंजन के लिए आकाशीय झूलें व सर्कस के पांडाल सज रहे है।

अश्वों की आवक में हुई वृद्धि………..

इस वर्ष पुष्कर मेले में अश्वों के अधिक संख्या में आने की संभावना है। मेला शुरू होने के साथ ही अश्वों की आवक भी शुरू हो गई है तथा इनकी आवक तेजी से बढ़ रही है। राजस्थान के अलावा पंजाब, हरियाणा समेत पड़ोसी राज्यों से अश्व व्यापारी अच्छी नस्ल व कद-काठी के घोड़े-घोडिय़ां लेकर पुष्कर पहुंच रहे है। अश्व पालकों में संतों महंतों के अलावा कई नेताओं व बाहुबलियों के आलीशान टेंट लग गए हैं। जिससे मेला क्षेत्र टेंट सिटी के रूप में भी नजर आ रहा है। इधर रेगिस्तान में एक ओर ऊंटों के काफिलें नजर आ रहे है। वहीं दूसरी ओर अश्वों के अस्तबल सज रहे हैं।

ऊंट पालक तरसे रहे हैं सुविधाओं को……….

मेले में जहां अश्व पालकों ने अपने अश्वों के लिए टेंट लगाकर व्यवस्था कर रखी है। वहीं ऊंट अपने मालिकों के साथ खुले आसमान के नीचे दिन रात गुजार रहे हैं। ऊंट पालकों ने आरोप लगाया कि दड़ा क्षेत्र में अंधेरा व्याप्त है। साफ सफाई नहीं होने से चारों तरफ कंटीले पेड़ पौधों होने के कारण काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। चाय, पानी व अन्य जरूरतों के सामान की दुकानें दड़ा क्षेत्र से दूर होने के कारण वे सुविधाओं को काफी तरस रहे हैं। हालांकि उन्होंने ऊंटों के पीने के लिए बन रखी खेलियों में पानी की व्यवस्था पर संतोष जाहिर किया है।

अस्थाई तंबू में रात गुजार रहे है ऊंट पालक परिवार…………

कई ऊंट पालक ऊंटों के झुंड़ के साथ अकेले हैं तो कई अपने परिवार के साथ मेले में पहुंचे हैं। इनमें अकेले आये ऊंट पालक तो खुले आसमान के नीचे रहे रहे हैं वहीं परिवार के साथ आए ऊंट पालक अस्थाई छोटे-छोटे तंबू बनाकर निवास कर रहे हैं। ऊंट पालक के साथ आयी महिलायें खाना बना रही हैं तो वहीं बिना परिवार के आये पुरुष ऊंट पालक स्वयं द्वारा बनाये गये अस्थाई चूल्हों पर लकड़ी व छाणों की सहायता से खाना पका रहे है।

विदेशी पर्यटकों की आवक शुरू…..

मेले में पशु व पशुपालकों के साथ-साथ विदेशी पर्यटकों की आवक भी शुरू हो गई है। पर्यटकों के ठहरने के लिये अस्थायी पर्यटक ग्राम सजाये जा रहे हैं। विदेशी मेहमान ऊंटों पर सवार होकर मेले का लुत्फ उठा रहे हैं।

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(Udaipur Kiran) / संतोष

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