कहा-बिग बैंग वेडिंग सीजन से भारतीय अर्थव्यवस्था को अप्रत्याशित बढ़ावा मिलेगा
-दिल्ली में 4.5 लाख शादियों से 1.5 लाख करोड़ रुपये के व्यापार होने की उम्मीद
नई दिल्ली, 30 सितंबर (Udaipur Kiran) । अक्टूबर के पहले हफ्ते से शारदीय नवरात्र की शुरुआत हो रही है। इसके बाद शादी-ब्याह का सीजन शुरू होगा। शादी का लगन 16 दिसंबर, 2024 तक चलेगा। इस दौरान देशभर में करीब 35 लाख शादियां होंगी। इतनी शादियों में जो वस्तुओं एवं सेवाओं का कारोबार होगा, उसका मूल्य करीब 5.9 लाख करोड़ रुपये तक जाने का अनुमान है। इससे सिर्फ बाजार ही नहीं, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी नया जोश मिलेगा।
देशभर के व्यापारियों ने 12 नवंबर, 2024 से शुरू होने वाले शादी के सीजन की तैयारी शुरू कर दी है। कारोबारी संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार शादी के इस सीजन में देश के रिटेल (जिसमें वस्तुएं और सेवाएं दोनों शामिल हैं) से 5.9 लाख करोड़ रुपये का व्यापार होने की उम्मीद है। कैट के मुताबिक पूरे देश में अनुमानित 48 लाख शादियों के साथ ये सीजन एक प्रमुख आर्थिक वृद्धि का पायदान साबित होगा।
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री एवं दिल्ली के चांदनी चौक से सांसद प्रवीन खंडेलवाल ने सोमवार को जारी एक बयान में कहा कि इस अध्ययन से यह स्पष्ट हुआ है कि उपभोक्ता अब भारतीय वस्तुओं को प्राथमिकता दे रहे हैं, जिससे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के आह्वान को मजबूती मिल रही है। वहीं, विदेशी सामान की तुलना में भारतीय उत्पादों की मांग में भारी वृद्धि देखी जा रही है, जो देश में भारतीय उत्पादों के उज्ज्वल भविष्य की ओर इशारा करती है।
कैट महामंत्री के मुताबिक पिछले साल भी 35 लाख शादियों के साथ कुल व्यापार 4.25 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचा था। कैट ने इस वर्ष शुभ विवाह तिथियों की संख्या में वृद्धि होने से व्यापार में उल्लेखनीय उछाल आने की संभावना जताई है। कैट ने कहा कि 2023 में 11 के मुकाबले इस साल 18 शुभ तिथियों के कारण व्यापार में और बढ़त होगी। अकेले राजधानी नई दिल्ली में ही इस सीजन में 4.5 लाख शादियों से 1.5 लाख करोड़ रुपये के व्यापार का अनुमान जताया गया है।
शुभ विवाह तिथियां और आर्थिक प्रभाव :-
कैट की वेद एवं आध्यात्मिक कमेटी के संयोजक आचार्य दुर्गेश तारे के मुताबिक इस साल शादी-ब्याज का ये सीजन 12 नवंबर देव उठनी एकादशी से शुरू होकर 16 दिसंबर, 2024 तक चलेगा। नवंबर में शुभ तिथियां 12, 13, 17, 18, 22, 23, 25, 26, 28, और 29 हैं, जबकि दिसंबर में 4, 5, 9, 10, 11, 14, 15, और 16 हैं। इसके बाद विवाह कार्यक्रम लगभग एक महीने तक रुक जाएंगे, जो जनवरी 2025 के मध्य से शुरू होकर मार्च तक चलेगा।
प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि कैट के द्वारा 75 प्रमुख शहरों के व्यापारिक संगठनों और विभिन्न वस्तुओं एवं सेवाओं से जुड़े कारोबारियों और व्यापारी संगठनों से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर यह अनुमान लगाया गया है। उन्होंने कहा कि इस सीजन में अनुमानित 48 लाख शादियों के साथ शादी से जुड़ी वस्तुओं और सेवाओं पर खर्च से अर्थव्यवस्था में 5.9 लाख करोड़ रुपये का योगदान होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि यह विस्तारित शादी का सीजन और त्योहारों की बिक्री मिलकर भारतीय अर्थव्यवस्था को अभूतपूर्व बढ़ावा देंगे, जिससे देशभर के कई उद्योग एवं व्यापार लाभान्वित होंगे तथा अपनी उत्पादन क्षमता एवं व्यापार में वृद्धि करने की ओर कदम बढ़ायेंगे तथा व्यापार को और अधिक उन्नत एवं डिजिटल टेक्नोलॉजी से जोड़ेंगे।
शादी के खर्च का विवरण :-
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी. भरतिया ने बताया कि शादी के खर्च का पैमाना इस प्रकार है :-
-10 लाख शादियां, प्रति शादी 3 लाख रुपये खर्च
-10 लाख शादियां, प्रति शादी 6 लाख रुपये खर्च
-10 लाख शादियां, प्रति शादी 10 लाख रुपये खर्च
-10 लाख शादियां, प्रति शादी 15 लाख रुपये खर्च
-7 लाख शादियां, प्रति शादी 25 लाख रुपये खर्च
-50,000 शादियां, प्रति शादी 50 लाख रुपये खर्च
-50,000 शादियां, प्रति शादी 1 करोड़ रुपये या उससे अधिक खर्च
कैट के राष्ट्रीय मंत्री सुमित अग्रवाल ने कहा कि ये अनुमान वास्तव में वास्तविकता से भी कम माने जाते हैं। ये शादी के सीजन के दौरान होने वाली व्यापक आर्थिक गतिविधियों को दर्शाते हैं। शुभ तिथियों के अलावा भी अन्य दिनों में बड़े पैमाने पर शादियां होती हैं।
आर्थिक उछाल में योगदान देने वाले सामान और सेवाएं :-
कैट के अनुसार शादी के खर्च आमतौर पर सामान और सेवाओं के बीच विभाजित होते हैं। सामान क्षेत्र में निम्नलिखित वस्तुओं में महत्वपूर्ण व्यापार होने की उम्मीद है :-
-वस्त्र, साड़ियां, लहंगे, और परिधान (10 फीसदी)
-आभूषण (15 फीसदी)
-इलेक्ट्रॉनिक्स, विद्युत उपकरण, और उपभोक्ता टिकाऊ सामान (5 फीसदी)
-सूखे मेवे, मिठाइयां, और नमकीन (5 फीसदी)
-किराने का सामान और सब्जियां (5 फीसदी)
-उपहार वस्तुएं (4 फीसदी)
-अन्य सामान (6 फीसदी)
सेवाओं के क्षेत्र में खर्च निम्नलिखित में वितरित होगा :-
-बैंक्वेट हॉल, होटल, और शादी के स्थल (5 फीसदी)
-इवेंट मैनेजमेंट (5 फीसदी)
-टेंट डेकोरेशन (12 फीसदी)
-खानपान सेवाएं (10 फीसदी)
-फूलों की सजावट (4 फीसदी)
-परिवहन और कैब सेवाएं (3 फीसदी)
-फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी (2 फीसदी)
-ऑर्केस्ट्रा और बैंड (3 फीसदी)
-लाइट और साउंड (3 फीसदी)
-अन्य सेवाएं (3 फीसदी)
इस साल एक नया ट्रेंड शादी में सोशल मीडिया सेवाओं पर बढ़ता हुआ खर्च है।
-आगामी त्योहार व्यापार की गति बनाए रखेंगे।
वहीं, कैट के राष्ट्रीय चेयरमैन ब्रजमोहन अग्रवाल ने कहा कि शादी के इस चरण के बाद, क्रिसमस और नए साल के उत्सवों के साथ व्यापार में रफ्तार बनी रहेगी। इसके बाद, 16 जनवरी, मकर संक्रांति से शादी के अगले दौर की शुरुआत होगी।
(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर