बोले खंडेलवाल- चीनी सामान बाजार से नदारद, वोकल फॉर लोकल की गूंज तेज
मुंबई, 27 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । इस वर्ष दीपावली के त्योहारों के दौरान 4.25 लाख करोड़ रुपये के व्यापार होने की उम्मीद है, जिसमें अकेले राजधानी दिल्ली में 75 हजार करोड़ रुपये के व्यापार होने का अनुमान है। कारोबारी संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने यह अनुमान जताया है।
चांदनी चौक से भाजपा सांसद और कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने रविवार को कहा कि राजधानी नई दिल्ली समेत देशभर के बाजारों में दीपावाली और उससे जुड़े अन्य त्योहारों की बड़े व्यापक पैमाने पर तैयारियां चल रही हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा ग्राहकों को व्यापारी अपनी ओर आकर्षित कर सकें। उन्होंने कहा कि रक्षा बंधन, नवरात्रि और करवा चौथ पर बजारों में बढ़ती भीड़ और व्यापार को देखते हुए दीपावली के त्योहारी सीजन में इस वर्ष व्यापारियों द्वारा 4.25 लाख करोड़ रुपये के कारोबार की उम्मीद है। इस बार दिल्ली में ही करीब 75 हजार करोड़ रुपये का व्यापार होने का अनुमान है। खंडेलवाल ने कहा कि चीनी सामान बाजार से नदारद है, जबकि वोकल फॉर लोकल की गूंज तेज हो गई है।
खंडेलवाल ने बताया कि राजधानी नई दिल्ली सहित देश के सभी महानगरों, टियर-2 तथा टियर-3 शहरों सहित कस्बों एवं गांवों के बाजारों में भी दुकानों को दीपावली की थीम के अनुसार सजाया गया है। वहीं, रंग-बिरंगी लाइट्स, रंगोली और अन्य सजावट का भी खास ख्याल रखा जा रहा है, ताकि ग्राहकों को त्योहारों का पूरा माहौल मिले और अधिक संख्या में लोग बाजारों की ओर आकर्षित हो सकें। कैट महामंत्री ने बताया कि त्योहारों के दौरान मांग में भारी वृद्धि को ध्यान में रखते हुए व्यापारियों ने पहले से ही विभिन्न वस्तुओं के अपने स्टॉक को बढ़ाना शुरू किया है। इनमें खासकर गिफ्ट आइटम्स शामिल हैं, जिसमें कपड़े, ज्वेलरी, इलेक्ट्रॉनिक्स, मोबाइल, फ़र्निशिंग, सजावट सामग्री,पूजा सामग्री, रंगोली, देवी देवताओं की फोटो एवं मूर्तियां, रेडीमेड गारमेंट्स, खिलौने, खाद्य वस्तुएं, कॉन्फ़ेक्शनरी, बिजली का सामान, कंज्यूमर डयूरेबल्स, आदि प्रमुख हैं।
भाजपा सांसद ने कहा कि कारोबारियों को संरक्षण देने के लिए ई-कॉमर्स की चुनौतियों का भी सामना करने के लिए कई नए कदम उठा रहे हैं। इस बार दिपावली त्योहारों के सीजन में बड़ा व्यापार करने के लिए हम सभी पूरी तरह तैयार हैं।
(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर