
कोलकाता, 27 फरवरी (Udaipur Kiran) । तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने साफ कर दिया है कि बीरभूम जिले में अनुव्रत मंडल (केस्टो) को काजल शेख के साथ मिलकर काम करना होगा। गुरुवार को नेताजी इंडोर स्टेडियम में आयोजित एक बैठक में ममता ने यह निर्देश दिया। बैठक के दौरान जब वह बीरभूम जिले की तृणमूल संगठन की बात कर रही थीं, तब उन्होंने सीधे अनुव्रत मंडल की ओर देखते हुए कहा कि केस्टो, तुम्हें काजल को साथ लेकर ही चलना होगा। ममता के इस निर्देश पर अनुव्रत ने सिर हिलाकर सहमति जताई।
ममता बनर्जी ने चुनाव से पहले फर्जी मतदाताओं की पहचान के लिए एक विशेष कमिटी बनाई है, जिसमें बीरभूम जिले के किसी भी नेता को शामिल नहीं किया गया है। इस पर ममता ने कहा, बीरभूम को इसलिए नहीं रखा गया क्योंकि वहां पहले से कोर कमिटी है, जो सभी को लेकर काम करेगी। केस्टो, किसी को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। काजल को भरोसे में लेना होगा। आशिष दा (आशिष बनर्जी) और सांसद शताब्दी राय को भी बीच-बीच में बुलाना होगा।
बीरभूम में तृणमूल के अंदर अनुव्रत मंडल और जिला सभाधिपति काजल शेख के बीच तनाव लंबे समय से चला आ रहा है। एक समय अनुव्रत ही जिले के निर्विवाद नेता थे, लेकिन तब भी उनका काजल से संबंध सहज नहीं था। 2016 के विधानसभा चुनाव में अनुव्रत के समर्थित उम्मीदवार गदाधर हाजरा के खिलाफ काजल ने विरोध जताया था।
2022 में गौ तस्करी मामले में सीबीआई ने अनुव्रत को गिरफ्तार कर लिया था, जिसके बाद उन्हें दिल्ली के तिहाड़ जेल भेजा गया। पिछले साल सितंबर में उन्हें जमानत मिली। इस दौरान काजल शेख ने अपनी पकड़ मजबूत कर ली और 2023 के पंचायत चुनावों में जीत हासिल कर जिला परिषद के सभाधिपति बन गए।
ममता बनर्जी नहीं चाहतीं कि विधानसभा चुनाव से पहले यह गुटबाजी बनी रहे। इसी कारण उन्होंने अनुव्रत को स्पष्ट संदेश दिया कि काजल के साथ मिलकर काम करें और कोर कमिटी को सक्रिय बनाए रखें।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
