Madhya Pradesh

नागदा :  अतिक्रमण के मामले में बहुराष्ट्रीय कंपनी लैंक्सेस के खिलाफ प्रकरण दर्ज

फोटो- बंगले के फोटों

उज्जैन, 6 दिसंबर (Udaipur Kiran) । उज्जैन जिले के नागदा में संचालित विदेशी कंपनी लैंक्सेस उद्योग का प्रबंधन अतिक्रमण के एक मामले में कानूनी उलझन में फंस गया। बिड़ला घराना के ग्रेसिम उद्योग से करोडों की बेशकीमती कोठियां लैक्सेसं प्रंबंधन के द्धारा किराए पर लेने के आरोप में तहसीलदार नागदा की अदालत में भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 में प्रकरण पंजीबद्ध हुआ है। इस प्रकरण के दावे में लैक्सेस के यूनिट हेड एवं एचआर प्रमुख के नाम बतौर प्रतिवादी उल्लेखित है।

तहसीलदार नागदा एम के सोनी की अदालत में यह कार्यवाही हुई। अदालत में यह कार्यवाही सामाजिक कार्यकर्ता अभय चौपड़ा निवासी मनोहरवाटिका नागदा एवं अभिभाषक अभिषेक चौरसिया निवासी शिवपूरा की संयुक्त कार्यवाही से हुई । इस प्रकरण में आरोप हैकि इन कोठियों पर कब्जा शासकीय दस्तावेजों में मप्र शासन का है जिनकों लैक्सेंस कंपनी ने एक अनुबंध के तहत किराए पर ले रखा है। तहसीलदार श्री सोनी से दूरभाष पर हिस संवाददाता से हुई बातचीत में उन्होंने लेक्सेंस के खिलाफ प्रकरण दर्ज होने की पुष्टि की है।

यह है मामला- अदालत में प्रस्तुत वाद के मुताबिक बिड़लाग्राम नागदा में किसी समय उद्योग भारत कामर्स चल रहा था जोकि 3 जून 2000 को बंद हुआ। इस बंद उद्योग से जुड़ी 195.432 हैक्टर भूमि को तत्कालीन अपर कलेक्टर ने 17 सितंबर 2014 को राजसात कर शासकीय घोषित किया गया। इस भूमि पर शासन ने कब्जा 18 सितंबर 2014 का विधिवत प्राप्त किया। जिसका पालन प्रतिवेदन भी कलेक्टर को तत्तकालीन तेहसीलदार ममता पटेल ने प्रेषित किया।

प्रकरण में शासकीय भूमि इंद्राज की खसरों नकलों की प्रतियां भी संलग्न की गई है। इस भूमि के कुछ भाग पर किसी जमाने में उद्योग के ओहदेदार अफसरों के निवास के लिए बने आलीशान बंगलों को बहुराष्टीय कंपनी ने किराए पर एक अनुबंध के तहत ले लिया । इन बंगलों को ग्रेसिम उद्योग प्रबंधन ने किराए पर दिया है। इस वाद में यह मामला उठाया गया हैकि जब शासन ने सारी भूमि पर कब्जा कर लिया तो लैक्सेंस उद्योग ने आखिर कैसे कोठियों पर किराए पर लिया है। इस प्रकरण के दस्तावेजों के मुताबिक बंद भारत कॉमर्स उद्योग की उक्त सारी भूमि के स्वामित्व को लेकर मप्र शासन एवं बिड़ला कंपनी ग्रेसिम उद्योग के बीच सुप्रीम कोर्ट में प्रकरण विचाराधीन है। सुप्रीम कोर्ट में यह अपील मप्र शासन राजस्व प्रमुख सचिव (भोपाल,) कलेक्टर (उज्जैन,) एसडीओं राजस्व (नागदा )एवं तहसीलदार (नागदा) की और से दायर की गई है।

इस संबंध में नागदा तहसीलदार एम.के सोनी का कहना कि लैंक्सेस कंपनी नागदा के खिलाफ शासकीय भूमि पर अतिक्रमण करने के आरोप में भू राजस्व संहिता 1959 यथा संसोधित 2018 की धारा 248 में प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है।

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(Udaipur Kiran) / कैलाश सनोलिया

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