Madhya Pradesh

नागदा: जर्मनी कंपनी लैंक्सेंस के डॉयरेक्टर  व यूनिट हेड के खिलाफ प्रकरण दर्ज

 कंपनी का फाइल फोटो
 कंपनी का फाइल फोटो

नागदा, 14 नवंबर (Udaipur Kiran) । उज्जैन जिले के औद्योगिक नगर नागदा में संचालित जर्मनी कंपनी लैंक्सेस उद्योग में प्रतिस्पर्धा के इस युग में भी दुर्घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है। श्रमिकों को कार्य के दौरान पर्याप्त सुरक्षा सुविधा उपलब्ध नहीं कराने तथा उद्योग में हुई एक दुर्घटना को छिपाने के मामले में कंपनी के मुंबई स्थित डायरेक्टर तथा कारखाना अधिभोगी बलराम गोविंद खोत के खिलाफ सीजेएम न्यायलय उज्जैन में प्रकरण दर्ज हुआ है। साथ ही स्थानीय यूनिट हेड सुनील गुलाटी पर भी गाज गिरी है। दोनों अधिकारियों को न्यायलय में तलब होने के लिए अदालत ने नोटिस जारी किए हैं। जिसके लिए 16 दिसंबर 2024 को न्यायलय में हाजिर होना है।

औधोगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा विभाग संभाग उज्जैन की कार्यवाही से मामला न्यायलय में दर्ज हुआ है। प्रकरण दर्ज होने की पुष्टि औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा विभाग के संभागीय कारखाना निरीक्षक हिमांशु सालोमन ने की है।

यह था मामला

अधिकारी हिमांशु के मुताबिक लैंक्सेस उद्योग नागदा में कार्यरत एक ठेका मजदूर मिथुन पुत्र भुवान मकवाना उद्योग में कार्य के दौरान गत 12 सितंबर को दुर्घटना का शिकार हुआ था। इस दुर्घटना को छिपाने ने उद्योग प्रबंधन ने यह तर्क दिया थाकि मजदूर गेट पास लेकर घर चला गया था। वहां पर दुर्घटना हुई। जांच के बाद यह खुलासा हुआ कि मजदूर उद्योग में ही दुर्घटना का शिकार हुआ था। इस मामले में निर्धारित दुर्घटना फार्म भी भरकर विभाग के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया। तीन धाराओं में कार्यवाही (1) अधिकारी सालोमन के जांच में प्रबंधक को अधिनियम की घारा 32 (सी) के तहत दोषी पाया गया है। जांच में यह पाया गया कि कार्य के दौरान मजदूर जे एच फर्म से नीचा गिरा। इस फ्रेम का एक पाया टूटा जिसके कारण वह नीचे गिरा। नीचे रखे लोहे के सरिया उसके पेट में घूस गए। यह गनीमत रहीं कि नीचे लोहे के सरिए थे वहां पर कोई रसायन होता तो और भी गंभीर दुर्घटना होती। जांच के बाद यह तथ्य सामने आया कि यहां पर प्रबंधन ने मजदूर की सुरक्षा के लिए कोई भी उपाय नहीं किए गए। असुरक्षित कार्य प्रणाली का खामियाजा मजदूर को भुगतना पड़ा। (2) घारा 88 में मप्र कारखाना नियम 1962 के नियम 108 के तहत उद्योग में दुर्घटना के 48 घंटों के अंदर प्रबंधन को औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा विभाग के समक्ष लिखित में सूचना प्रस्तुत करना होती है, लेकिन लैंक्सेस प्रबंधन ने कोई सूचना नहीं दी। यहां तक एक पत्र भेजा गया जिसमें यह बताया गया कि उद्योग में कोई दुर्घटना नहीं हुई। तथ्यों को छिपाने तथा विभाग को गुमराह करने का प्रयास किया गया। (3) औघोगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा अधिनियम की धारा 7 (2) बी का उल्लघन भी किया है। कारण कि प्रबंधन ने अपने सुपरविजन के तहत कार्य संस्कृति में मजदूर की सुरक्षा की और घ्यान नहीं दिया।

इस संबंध में संभाग उज्जैन के औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा विभाग कारखाना निरीक्षक हिमांशु सालोमन का कहना है कि लैक्सेस उद्योग में एक मजदूर की हुई दुर्घटना के मामले में सीजेएम न्यायलय उज्जैन में उद्योग के कारखाना अधिभोगी बलराम गौविंद खोत एवं स्थानीय यूनिट हेड सुनील गुलाटी के खिलाफ प्रकरण पंजीबद्ध हुआ है। दोनों अधिकारियों न्यायलय से नोटिस जारी हुए है। आगामी 16 दिसंबर को कोर्ट ने इन्हे तलब किया है।

(Udaipur Kiran) / कैलाश सनोलिया

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