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पूर्व पालिकाध्यक्ष के चुनाव लड़ने पर पाबंदी मामला: हाई कोर्ट ने राज्य सरकार और नगर पालिका से तीन सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा

नैनीताल हाईकोर्ट।

नैनीताल, 24 जुलाई (Udaipur Kiran) । उत्तराखण्ड हाई कोर्ट ने नगर पालिका मंसूरी के निवर्तमान निर्दलीय अध्यक्ष पर पांच साल के लिए चुनाव लड़ने की पाबंदी लगाई जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई की। मामले की सुनवाई करते हुए वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने सरकार की ओर से जारी 2 जुलाई के संशोधन आदेश पर अगली तिथि तक रोक लगाते हुए राज्य सरकार सहित नगर पालिका से तीन सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है। मामले की सुनवाई के लिए अगली तिथि 3 सितंबर नीयत की है।

मामले के अनुसार मंसूरी के निवर्तमान निर्दलीय अध्यक्ष अनुज गुप्ता ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि उनके कार्यकाल के दौरान नगर पालिका ने उन्हें वित्तीय अनियमितता करने को लेकर 16 अगस्त 2023 को अपना पक्ष रखने के लिए एक कारण बताओ नोटिस जारी किया था। जिसका उत्तर उन्होंने कार्यकाल समाप्त होने से पहले ही दे दिया। एक दिसम्बर 2023 को उनका कार्यकाल समाप्त हो गया और सरकार ने प्रशाशक नियुक्त कर दिए। राज्य सरकार ने 25 जून को एक अधिसूचना जारी कर नगरपालिका अधिनियम की धारा 48 में संशोधन करके उन्हें चुनाव लड़ने से पांच साल के लिए बाहर करने को लेकर उन्हें 48A का, 2 जुलाई 2024 नोटिस दे दिया गया। साथ मे यह भी कहा कि यह संशोधन तब से लागू होगा जब से उन्हें कारण बताओ नोटिस मिला है। याचिका में कहा गया कि उनपर यह संशोधन लागू नहीं होता, क्योंकि उनका कार्यकाल 1 दिसम्बर 2023 को समाप्त हो गया था और कारण बताओ नोटिस अगस्त 2023 में दिया गया था, जिसका उत्तर वे कार्यकाल समाप्त होने से पहले दे चुके हैं। वे किसी पार्टी से नहीं हैं। समाजिक छवि अच्छी होने के कारण निर्दलीय जीते भी। ये उनके खिलाफ राजनैतिक दुर्भावना है ताकि वे आगे चुनाव न लड़ सकें। उनके द्वारा कोई वित्तीय अनियमितता नहीं की गई। इसलिए 2 जुलाई 2024 के आदेश पर रोक लगाई जाए।

(Udaipur Kiran) / लता / वीरेन्द्र सिंह

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