-कोर्ट ने दोषी पुलिस कर्मियों की अभियोजन स्वीकृति देने पर 15 दिन में निर्णय लेने का दिया आदेश
-कोर्ट ने कहा, आश्चर्य है जिस सरकार को अभियोग चलाने की अनुमति देनी है वही सक्षम प्राधिकारी को पत्र लिख रही
प्रयागराज, 30 अगस्त (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी के लंका थाने से लापता बीएचयू छात्र शिव कुमार त्रिवेदी के लापता होने के मामले में विवेचना में लापरवाही बरतने के दोषी पुलिस अधिकारियों के अभियोजन की स्वीकृति पर 15 दिन में निर्णय लेने का निर्देश दिया है और याचिका की अगली सुनवाई 19 सितम्बर नियत की है।
कोर्ट ने आश्चर्य प्रकट करते हुए कहा कि जिस सरकार को अभियोग चलाने की अनुमति देनी है, वही सक्षम प्राधिकारी को पत्र लिख रही है। कोर्ट के पूर्व निर्देश के अनुपालन में सरकार की तरफ से हलफनामा दाखिल कर बताया गया कि अभियोग चलाने की अनुमति के लिए सरकार को लिखा गया है।
यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति अरुण भंसाली तथा न्यायमूर्ति विकास बुधवार की खंडपीठ ने अधिवक्ता सौरभ तिवारी की जनहित याचिका पर दिया है। याचिका में कहा गया कि बीएचयू छात्र शिव कुमार त्रिवेदी को फरवरी 2020 मे लंका थाना पुलिस पकड़ कर ले गई। वहां से संदेहास्पद परिस्थिति में लापता हो गया। जांच सीबीसीआईडी को सौंपी गई। इसी दौरान छात्र की लाश एक तालाब में पाई गई।
कहा गया कि लंका थाने के आठ पुलिसकर्मियों पर एफआईआर दर्ज की गई। किंतु अभियोजन की अनुमति में देरी की जा रही है। बताया गया कि घटना के छह माह बाद जांच शुरू की गई। जबकि छात्र के शव का पोस्टमार्टम बी एच यू में ही हुआ। पुलिस उसका पता लगाने में नाकाम रही।
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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे