आज़मगढ़, 9 फ़रवरी (Udaipur Kiran) ।
जिले में मदरसा पोर्टल ऑनलाइन फीडिंग में 313 मदरसे मानक के अनुरूप नहीं मिले थे। इस मामले में जब एसआईटी ने जांच की तो 219 मदरसों का अस्तित्व में ही नहीं मिला। एसआईटी द्वारा जब इन मदरसा पोर्टल पर मदरसा प्रबंधकों द्वारा दर्ज किए गए डाटा की जांच की गई तो कहीं मौके पर मदरसा ही नहीं मिला। कही मदरसे की जगह शटरनुमा दुकानें संचालित होती मिलीं, वहीं कई जगहों पर मदरसों की जगह पर दूसरे विद्यालय का संचालन होता मिला।
बताते चलें कि जिले में वर्ष 2009-10 में बिना भौतिक सत्यापन के कई मदरसों को मान्यता और अनुदान देने का मामला सामने आया था। 2017 में इस बात की शिकायत सरकार से की गई थी। 2017 में हुई जांच में 387 मदरसे वैध मिले। जबकि 313 मदरसे में गड़बड़ियां पाई गई थी। इसके बाद इस पूरे मामले की जांच शासन ने एसआईटी को दे दिया था। वर्ष 2022 में शासन को सौंपी जांच में एसआईटी ने बताया था कि 219 मदरसे ऐसे हैं जो अस्तित्व विहीन थे। इन मदरसे के संचालकों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने का शासन ने निर्देश दिया था लेकिन अब तक इस प्रकरण में एफआईआर दर्ज नहीं हुई थी।
शासन के निर्देश पर अब इन मदरसों के खिलाफ एफआई दर्ज होनी शुरू हो गई है। सभी थानों में एफआईआर की काफी पहुंच गई है। किसी थाने को 50 कापी तो किसी थाने को 20 कापी तहरीर मुकदमा दर्ज करने के लिए भेजी गई है। इस मामले में 6 फरवरी को पहला मुकदमा कंधरापुर थाने में दर्ज हुआ था। वहीं आठ फरवरी को कुल 12 मुकदमे दर्ज हुए।
एसपी ग्रामीण चिराग जैन ने बताया कि जनवरी 2023 में शासन द्वारा एक जांच एसआईटी से कराई गई थी। इसमें जिले के कई जो पोर्टल पर दर्ज थे उनमें से 219 मदरसे अस्तित्वविहीन पाए गए थे। इनके द्वारा फर्जी तरीके से सरकारी अनुदान लेकर उसका उपयोग किया जा रथा। इसके बाद शासन की ओर से इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया गया। इस पर ईओडब्ल्यू के इंस्पेक्टर कुंवर ब्रम्ह प्रकाश सिंह द्वारा थानों में तहरीर दी गई है। 11 मुकदमे दर्ज हुए हैं और अन्य दर्ज किए जा रहे हैं।
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(Udaipur Kiran) / राजीव चौहान
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