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एमपी-एमएलए कोर्ट में भेजा जा सकता है राशिद इंजीनियर के खिलाफ मामला, सुनवाई 20 नवंबर को

पटियाला कोर्ट

नई दिल्ली, 13 नवंबर (Udaipur Kiran) । दिल्ली का पटियाला हाउस कोर्ट जम्मू-कश्मीर टेरर फंडिंग मामले में बारामूला के सांसद राशिद इंजीनियर के खिलाफ दर्ज मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए कोर्ट में होगी या नहीं, इस पर 20 नवंबर को सुनवाई करेगा। एडिशनल सेशंस जज चंदर जीत सिंह ने कहा कि ये मामला एमपी-एमएलए कोर्ट को ट्रांसफर किया जा सकता है। बुधवार को सुनवाई के दौरान एनआईए ने इस मामले पर दलीलें रखने के लिए समय की मांग की, जिसके बाद कोर्ट ने सुनवाई 20 नवंबर को करने का आदेश दिया।

कोर्ट 19 नवंबर को नियमित जमानत याचिका पर फैसला सुनाने वाला है। 28 अक्टूबर को राशिद इंजीनियर ने तिहाड़ जेल में सरेंडर कर दिया था। 10 सितंबर को पटियाला हाउस कोर्ट ने राशिद इंजीनियर को जम्मू-कश्मीर में चुनाव प्रचार में हिस्सा लेने के लिए 2 अक्टूबर तक अंतरिम जमानत दी थी। उसके बाद से कोर्ट ने राशिद इंजीनियर की दो बार अंतरिम जमानत बढ़ाई थी। राशिद इंजीनियर ने लोकसभा चुनाव 2024 में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को करीब एक लाख मतों से हराकर जीत हासिल की है। राशिद इंजीनियर को 2016 में एनआईए ने गिरफ्तार किया था।

पटियाला हाउस कोर्ट ने 16 मार्च 2022 को हाफिज सईद, सैयद सलाहुद्दीन, यासिन मलिक, शब्बीर शाह और मसरत आलम, राशिद इंजीनियर, जहूर अहमद वताली, बिट्टा कराटे, आफताब अहमद शाह, अवतार अहम शाह, नईम खान, बशीर अहमद बट्ट उर्फ पीर सैफुल्ला समेत दूसरे आरोपितों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था। एनआईए के मुताबिक पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के सहयोग से लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिद्दीन, जेकेएलएफ, जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों ने जम्मू-कश्मीर में आम नागरिकों और सुरक्षा बलों पर हमले और हिंसा को अंजाम दिया। 1993 में अलगाववादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस की स्थापना की गई।

एनआईए के मुताबिक हाफिज सईद ने हुर्रियत कांफ्रेंस के नेताओं के साथ मिलकर हवाला और दूसरे चैनलों के जरिये आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन का लेन-देन किया। इस धन का उपयोग वे घाटी में अशांति फैलाने, सुरक्षा बलों पर हमला करने, स्कूलों को जलाने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का काम किया। इसकी सूचना गृह मंत्रालय को मिलने के बाद एनआईए ने भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 121, 121ए और यूएपीए की धारा 13, 16, 17, 18, 20, 38, 39 और 40 के तहत केस दर्ज किया था।

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(Udaipur Kiran) / वीरेन्द्र सिंह

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