कोलकाता, 3 जून (Udaipur Kiran) असम सरकार ने हिंदू धर्म और देवी-देवताओं के खिलाफ कथित आपत्तिजनक और अपमानजनक टिप्पणियों के मामले में कोलकाता निवासी वज़ाहत खान क़ादरी राशिदी के विरुद्ध आपराधिक मामला दर्ज किया है। देवी कामाख्या असम सहित देश के धार्मिक और सांस्कृतिक विश्वास में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए बताया कि आरोपित द्वारा की गई टिप्पणियां न केवल धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने वाली हैं, बल्कि समाज में साम्प्रदायिक तनाव को भी बढ़ावा दे सकती हैं। इसे देखते हुए असम पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए मामला दर्ज कर लिया है।
असम के मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत के दौरान यह भी कहा कि हमने पश्चिम बंगाल सरकार से औपचारिक अनुरोध किया है कि आरोपित वज़ाहत खान क़ादरी राशिदी को असम पुलिस के हवाले किया जाए, ताकि वह यहां की न्यायिक प्रक्रिया का सामना कर सके। यह देखना होगा कि पश्चिम बंगाल सरकार इस पर किस प्रकार का सहयोग करती है।
इसके बाद मुख्यमंत्री बिस्वा सरमा ने एक्स पर एक सार्वजनिक पोस्ट में कहा कि देवी मां कामाख्या के खिलाफ की गई अस्वीकार्य और आपत्तिजनक टिप्पणियों के संदर्भ में एक मामला दर्ज किया गया है और हम आरोपित को असम लाने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार से सहयोग प्राप्त करने की दिशा में प्रयासरत हैं।
यह मामला तब सामने आया जब यह पता चला कि आरोपित वज़ाहत राशिदी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर एक के बाद एक कई पोस्टों में देवी-देवताओं के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं। इन पोस्टों को व्यापक स्तर पर साझा किया गया, जिससे आम जनता में आक्रोश की लहर फैल गई।
गौरतलब है कि वज़ाहत राशिदी ने कुछ समय पहले कानून की छात्रा और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर शर्मिष्ठा पानौली के खिलाफ भी शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने पानौली पर इस्लाम के विरुद्ध कथित टिप्पणी करने का आरोप लगाया था। इस मामले में कोलकाता पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पानौली को गिरफ्तार कर लिया था। फिलहाल वह 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में है।
अब वही वज़ाहत राशिदी स्वयं कानून के घेरे में हैं। राशिदी पर आरोप है कि उन्होंने एक विशेष धर्म के देवी-देवताओं के सम्मान को ठेस पहुंचाई है, जिससे देश की सांप्रदायिक सौहार्द्र की भावना पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
असम पुलिस ने बताया है कि वह इस मामले में जांच कर रही है और पश्चिम बंगाल सरकार से आरोपित को जल्द से जल्द हिरासत में देने की अपेक्षा की जा रही है।
(Udaipur Kiran) / अनिता राय
