कानपुर, 08 जनवरी (Udaipur Kiran) । गुजरात के पोरबंदर में हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त में बलिदानी कैप्टन सुधीर यादव पंचतत्व में विलीन हो गए। बिठूर स्थित गंगा किनारे हिंदू रीति रिवाज के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया और उनके चचेरे भाई ने उन्हें मुखाग्नि दी। वहीं जब घर से बलिदानी का पार्थिव शरीर गंगा घाट के लिए जा रहा था तो उनकी बेसुध मां की मुंह से एक ही शब्द निकला वापस आ जाओ मेरे लाल।
बलिदानी कैप्टन सुधीर यादव का पार्थिव शरीर बुधवार की सुबह जैसे ही कानपुर देहात के मैथा स्थित किशनपुर पैतृक गांव पहुंचा तो वैसे ही उनके अंतिम दर्शन के लिए ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी। चारों तरफ सुधीर यादव अमर रहे के नारे गूंजने लगे, फिर पार्थिव शरीर दरवाजे से उठते ही माहौल गमगीन हो गया। रास्ते भर शव यात्रा में मौजूद सैकड़ों लोग हाथों में तिरंगा झंडा लिए देशभक्ति के गानों पर कैप्टन को अंतिम विदाई देते हुए बिठूर घाट पहुंचे। कैप्टन की पत्नी लगातार रोते हुए कहती रहीं अब हम आपके बिना कैसे जिएंगे? तो वहीं उनके माता-पिता को अभी भी यकीन नहीं हो रहा है कि उनका बेटा इस दुनिया को अलविदा कह चुका है। बिठूर घाट पर बलिदानी कैप्टन के पार्थिव शरीर को चिता पर लिटाने के बाद सेना के अफसरों ने स सम्मान सुधीर की टोपी फ्लैग और बैच उनके पिता को सौंपकर सेना के अधिकारियों ने उन्हें आखरी बार गार्ड ऑफ़ ऑनर देकर जांबाज जवान को आखिरी सलामी दी।
गुजरात के पोरबंदर में रविवार की दोपहर इंडियन कोस्ट गार्ड (तटरक्षक बल) का हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस हादसे में कानपुर के श्याम नगर में रहने वाले कैप्टन सुधीर यादव समेत तीन लोगों की जान चली गई थी।
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(Udaipur Kiran) / Rohit Kashyap