Madhya Pradesh

विश्व एड्स दिवस की पूर्व संध्या पर जागरूकता के लिए सीएमएचओ के नेतृत्व में कैंडल मार्च

विश्व एड्स दिवस की पूर्व संध्या पर कैंडल मार्च

– बीमारी की जागरुकता के साथ सामाजिक भेदभाव को दूर करना भी जरूरीः उपमुख्यमंत्री शुक्ल

भोपाल, 30 नवंबर (Udaipur Kiran) । विश्व एड्स दिवस की पूर्व संध्या पर शनिवार की देर शाम स्वास्थ्य विभाग जिला भोपाल द्वारा एड्स जागरूकता हेतु कैंडल मार्च निकाला गया। जिला जयप्रकाश चिकित्सालय से प्रारंभ कैंडल मार्च का समापन उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल के आवास पर हुआ। रैली में एचआईवी संक्रमण के कारणों एवं बचाव के संबंध में जानकारी दी गई। साथ ही एड्स के साथ जी रहे लोगों के प्रति सामाजिक भेदभाव और भ्रांतियों को दूर करने के लिए जागरूकता गतिविधियों का आयोजन किया गया। इस वर्ष यह दिवस अधिकारों की राह अपनाएं-मेरा स्वास्थ्य, मेरा अधिकार की थीम पर मनाया जा रहा है।

इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि एड्स एक गंभीर बीमारी है और इस बीमारी के लिए जागरूक होना ही इससे बचाब का सबसे बेहतर तरीका है। लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग मध्य प्रदेश द्वारा एचआईवी टेस्टिंग की सुविधा शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं में निशुल्क करवाई जा रही है। बीमारी के उपचार का पूरा खर्चा भी शासन द्वारा निशुल्क उठाया जाता है। शुक्ल ने कहा कि इस बीमारी के होने के चार प्रमुख कारणों को जानना और इनसे बचकर इस बीमारी के प्रसार को नियंत्रित कर सकते हैं। एड्स के प्रति जागरूकता के साथ साथ, इसके साथ जी रहे लोगों के प्रति सामाजिक भेदभाव और भ्रांतियों को दूर किया जाना भी जरूरी है।

राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत लक्ष्य 95-95-95 निर्धारित किया गया है। जिसके तहत वर्ष 2030 तक एचआईवी संभावित लोगों में से 95% लोगों को उनकी एचआईवी अवस्था का ज्ञान होना, एचआईवी संक्रमित लोगों में से 95% लोगों को एआरटी उपचार सुनिश्चित करना एवं एआरटी उपचार ले रहे सभी एचआईवी संक्रमितों में से 95% लोगों को उनके वायरल लोड का दमन करना निर्धारित किया गया है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला भोपाल डॉ. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि संक्रमण से बचाव के लिए यौन संबंधों के दौरान कंडोम का इस्तेमाल करके, केवल लाइसेंस प्राप्त रक्त बैंक से जांच किए गए खून का इस्तेमाल हर बार नई सिरिंज का इस्तेमाल और गर्भावस्था के दौरान एचआईवी की अनिवार्य रूप से जांच करवाकर इस बीमारी से बचा जा सकता है। साथ में खाना खाने, हाथ या गले मिलने, खाने के बर्तन, कपड़े, बिस्तर, शौचालय, टेलीफोन, स्विमिंग पूल के उपयोग, खांसने, छींकने से, मच्छरों के काटने या घरों में पाए जाने वाले कीड़े मकोड़े के काटने इत्यादि से एचआईवी का संक्रमण नहीं फैलता है।

एचआईवी की निशुल्क व गोपनीय जांच एवं परामर्श की सुविधा भोपाल के 9 आईसीटीसी सेंटर में उपलब्ध है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, गांधी मेडिकल कॉलेज, सुल्तानिया जनाना अस्पताल, जयप्रकाश जिला चिकित्सालय, सिविल अस्पताल बैरागढ़, सिविल अस्पताल डॉ. कैलाशनाथ काटजू, क्षय चिकित्सालय, सिविल बैरसिया और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोलार में यह जांच करवाई जा सकती है। एचआईवी एड्स की जानकारी के लिए राष्ट्रीय टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 1097 पर कॉल करके भी जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

(Udaipur Kiran) तोमर

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