
जयपुर, 8 मई (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने एकलपीठ के गत 29 अप्रैल के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसके तहत एकलपीठ ने स्वामी विवेकानंद स्कॉलरशिप स्कीम के तहत 25 लाख रुपए सालाना आय वाले परिवार के अभ्यर्थी को ई3 वर्ग में दी जा ही छात्रवृत्ति पर रोक लगा दी थी। इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता को कहा है कि यदि उसे स्कॉलरशिप चाहिए तो वह अपील के निस्तारण तक संपत्ति राज्य सरकार के समक्ष गिरवी रखे, ताकि यदि अपील का फैसला उसके खिलाफ हो तो उससे वसूली की जा सके। सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस मुकेश राजपुरोहित की खंडपीठ ने यह आदेश मनजीत देवड़ा की अपील पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए।
अपील में पुनीत सिंघवी ने कहा कि अपीलार्थी ने राजीव गांधी स्कॉलरशिप एकेडमिक एक्सीलेंसी स्कीम, जिसे अब स्वामी विवेकानंद स्कॉलरशिप स्कीम कहा जाता है, में आवेदन किया था। आयकर सहित अन्य दस्तावेजों के आधार पर उसका विदेश के विश्वविद्यालय में अध्ययन के लिए चयन कर लिया। इसके बाद उसने फरवरी, 2024 को वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया विश्वविद्यालय से विज्ञान स्नातक की पढाई आरंभ कर दी। इसके बावजूद उसे स्कॉलरशिप की राशि जारी नहीं की गई। विदेश में डेढ साल रहकर अध्ययन करने के बाद स्कॉलरशिप बंद नहीं की जा सकती। इसके अलावा यदि राज्य सरकार ने उसका आवेदन निरस्त भी किया था तो उसकी जानकारी याचिकाकर्ता को नहीं दी गई। राज्य के अतिरिक्त महाधिवक्ता विज्ञान शाह ने कहा कि इस योजना के तहत ई1 कैटेगरी में परिवार की सालाना आय आठ लाख, ई2 वर्ग में सालाना आय 8 लाख से 25 लाख और ई3 कैटेगरी में सालाना 25 लाख से अधिक आय वालों को स्कॉलरशिप देने का प्रावधान है। याचिकाकर्ता के भाई को ई2 कैटेगरी में स्कॉलरशिप दी गई थी। वहीं बाद में याचिकाकर्ता के परिवार की सालाना आय में अंतर आने पर याचिकाकर्ता को स्कॉलरशिप नहीं दी गई। इसके अलावा एकलपीठ के समक्ष ई3 कैटेगरी का विवाद भी नहीं था। इसके बावजूद एकलपीठ ने इस कैटेगरी में स्कॉलरशिप देने पर रोक लगा दी। जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने एकलपीठ के आदेश पर रोक लगाते हुए अपीलार्थी को अपील के निस्तारण तक अपनी संपत्ति राज्य सरकार के समक्ष गिरवी रखने को कहा है।
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(Udaipur Kiran)
