कोलकाता, 25 अप्रैल (Udaipur Kiran) । कार्यशिक्षा और शारीरिक शिक्षा विषयों के एसएलएसटी अभ्यर्थियों ने शुक्रवार को कोलकाता उच्च न्यायालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। नियुक्ति की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों और सुरक्षा बलों के बीच हल्की झड़प की स्थिति भी बनी, जिससे हाई कोर्ट परिसर के बाहर कुछ समय के लिए माहौल बेहद तनावपूर्ण हो गया।
प्रदर्शन उस समय हुआ जब न्यायमूर्ति विश्वजीत बसु की पीठ में इसी नियुक्ति से जुड़ी याचिका पर सुनवाई चल रही थी। उसी दौरान बड़ी संख्या में उपस्थित अभ्यर्थियों ने सवाल उठाया कि जब सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को ‘सुपरन्यूमरेरी’ यानी अतिरिक्त पद सृजित करने का अधिकार दिया है, तो कोलकाता हाई कोर्ट इस प्रक्रिया में अड़चन क्यों पैदा कर रहा है? प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी करते हुए मांग की कि कानूनी बाधाएं जल्द दूर की जाएं और नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जाए।
सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति बसु ने राज्य सरकार से नियुक्ति को लेकर उसके रुख की स्पष्ट जानकारी मांगी। इस पर महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार नियुक्ति प्रक्रिया में रुचि रखती है, लेकिन अदालत के पूर्व के आदेशों के चलते वह फिलहाल नियुक्ति नहीं कर पा रही है।
न्यायमूर्ति बसु ने राज्य सरकार को मौखिक आश्वासन देने के बजाय एक औपचारिक आवेदन प्रस्तुत करने का निर्देश दिया, ताकि अदालत उसके रुख पर विचार कर सके।
गौरतलब है कि एसएलएसटी नियुक्तियों पर फिलहाल भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते कानूनी रोक लगी हुई है और मामला कोलकाता उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। इसी के विरोध में अभ्यर्थियों ने शुक्रवार को सड़क पर उतरकर अपनी नाराजगी जताई।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
