
बीकानेर, 11 मई (Udaipur Kiran) । राजस्थान में इंदिरा गांधी नहर की मरम्मत के लिए की गई नहर बंदी रविवार को समाप्त हो गई। सरकार के फैसले के बाद हरीके बैराज और पोंग डैम से राजस्थान के लिए पानी छोड़ दिया गया है। इससे पश्चिमी राजस्थान के 10 जिलों में पेयजल संकट से राहत मिलने की उम्मीद जगी है। हालांकि, किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिलने की फिलहाल कोई संभावना नहीं है।
राजस्थान सरकार की ओर से शनिवार को नहर बंदी समाप्त करने का फैसला लेने के बाद भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) को सूचना की गई थी। रविवार सुबह से हरीके बैराज से 600 क्यूसेक और पोंग डैम से 6000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। इस पहल से बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू, झुंझुनूं, जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, नागौर और सीकर जिलों में पेयजल की स्थिति में सुधार होगा।
वर्तमान में इन जिलों में पीने के पानी की गंभीर समस्या है और केवल पहले से जमा किए गए पानी का ही वितरण किया जा रहा है। जल संकट के कारण एक दिन छोड़कर पानी देने की नीति अपनाई गई है। नहर में नए पानी की आवक के बाद नियमित जलापूर्ति बहाल होने की उम्मीद है, जिससे लाखों लोगों को राहत मिलेगी। विशेष रूप से गर्मी के इस मौसम में यह कदम पश्चिमी राजस्थान के लिए बड़ी राहत साबित होगा।
बीकानेर में जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य अभियंता राजेश राजपुरोहित ने बताया- बीकानेर में वर्तमान में 10 दिन का जल भंडार उपलब्ध है। नए पानी की आवक के साथ ही प्रतिदिन जलापूर्ति की जा सकेगी। इस कदम से पश्चिमी राजस्थान के सभी प्रमुख शहरों में जल्द ही नियमित जलापूर्ति बहाल हो जाएगी। नहर में पानी की नई आवक से न केवल पेयजल संकट दूर होगा, बल्कि आने वाले समय में जलापूर्ति व्यवस्था को और बेहतर बनाया जा सकेगा।
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(Udaipur Kiran) / राजीव
