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भारत पर झूठा आरोप मढ़कर मुसीबत में फंसे कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो, पार्टी सांसदों ने मांगा इस्तीफा

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो। फाइल फोटो-इंटरनेट मीडिया

ओटावा, 24 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । भारत पर खाल‍िस्‍तानी आतंकवादी हरदीप सिंह न‍िज्‍जर की हत्‍या का झूठा आरोप मढ़कर विवादों में घिरे कनाडा के प्रधानमंत्री जस्‍ट‍िन ट्रूडो को अब अपनी ही पार्टी ‘लिबरल पार्टी ऑफ कनाडा’ के सांसदों के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है। बुधवार को पार्टी सांसदों की बंद कमरे में हुई बैठक में जस्टिन ट्रूडो के लिबरल पार्टी ऑफ कनाडा नेता के रूप में इस्तीफे की मांग उठी। इस बैठक में ट्रूडो भी मौजूद रहे।

कनाडा के अंग्रेजी समाचार पत्र नेशनल पोस्ट की खबर के अनुसार, बैठक शुरू होते ही सभी के बीच एक पत्र बांटा गया। इसमें जस्टिन ट्रूडो से शीघ्र पद छोड़ने और नए नेतृत्व की प्रक्रिया शुरू करने का आह्वान किया गया। इसकी दो सांसदों ने पुष्टि भी की। हालांकि बैठक में ट्रूडो की उपलब्धियों की प्रशंसा भी कई। मगर कहा गया कि यह मांग मजबूरी में की गई है। वह पद छोड़ने के आह्वान पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दें। इस पत्र पर हस्ताक्षर नहीं करने वाले एक सांसद ने कहा, मुझे नहीं लगता कि उनमें ऐसा करने की हिम्मत है। वे मजबूत इरादे वाले हैं।

अखबार ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि ट्रूडो बैठक के दौरान कम ही बोले। बैठक के बाद कमरे से बाहर निकलते ही उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि पार्टी मजबूत और एकजुट है। बैठक से बाहर आए कई सांसदों ने कहा कि रचनात्मक चर्चा की गई। वह इस बारे में अधिक विवरण साझा नहीं करेंगे।

नेशनल पोस्ट की खबर के अनुसार, न्यू ब्रंसविक सांसद वेन लॉन्ग ने खुलेतौर पर प्रधानमंत्री से इस्तीफा देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि बैठक में अच्छी चर्चा हुई। उन्होंने कहा, ” मैंने नौ वर्षों में ट्रूडो की पार्टी संसदों के बीच ईमानदार, स्पष्ट और सीधी मुलाकात नहीं देखी है। लॉन्ग ने कहा कि बैठक का विवरण इससे ज्यादा साझा करना उनके लिए मुश्किल है। वह गोपनीयता का सम्मान करते हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री ट्रूडो बैठक में उठी मांग पर विचार करेंगे। लॉन्ग ने कहा कि कनाडा की भलाई के लिए प्रधानमंत्री ट्रूडो को जाना ही होगा।

यह बैठक पार्लियामेंट हिल पर हुई। परंपरा है कि यहां पर होने वाली बैठकों का विवरण सार्वजनिक रूप से साझा नहीं किया जाता। इसका मकसद यह होता है कि सभी खुलकर अपने विचार व्यक्त करें। इस बैठक में हिस्सा लेने वाले टोरंटो के सांसद नथानिएल एर्स्किन स्मिथ ने कहा कि ट्रूडो से इस्तीफा मांगने वाले का रुख दोतरफा था। ओंटारियो के सांसद चार्ल्स सूसा ने कहा कि प्रधानमंत्री मानते हैं कि उनके सामने बड़ी चुनौती है। ट्रूडो के सहयोगी यवन बेकर ने ‘जो कहा’ उसे उसे साझा नहीं किया जा सकता। कैलगरी के सांसद जॉर्ज चहल ने कहा कि उनके नेता ट्रूडो हैं। वह आगे भी उनके नेता रहेंगे। वित्तमंत्री क्रिस्टिया फ़्रीलैंड ने कहा कि बैठक में शानदार बातचीत हुई। उन्होंने तुरंत ब्याज दरों में आधा प्रतिशत की कटौती करने पर विचार करने को कहा है।

अखबार की खबर के अनुसार, हजारों पार्टी समर्थकों को कोड रेड पिटीशन भेजकर उनसे तत्काल गुप्त मतदान करने का आग्रह किया गया है। इसमें कहा गया है कि ट्रूडो को पद पर बने रहना चाहिए या इस्तीफा देना चाहिए। उदारवादी रणनीतिकार एंड्रयू पेरेज का कहना है कि सासंदों की मांग को नेतृत्व को गंभीरता से लेना चाहिए।

(Udaipur Kiran) / मुकुंद

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