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– संभाग के सभी जिले अपने-अपने नवाचार को एक-दूसरे से साझा करते हुए उसे संयुक्त रूप से करेंगे क्रियान्वित
इंदौर, 14 फरवरी (Udaipur Kiran) । इंदौर संभाग में कुपोषण से मुक्ति के लिए अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान के तहत संभाग के सभी जिले कुपोषण से मुक्ति के लिए अपने-अपने जिलों में किये जा रहे नवाचार को एक-दूसरे से साझा करते हुए उसे संयुक्त रूप से क्रियान्वित करेंगे। महिला एवं बाल विकास विभाग की विभागीय योजनाओं और कार्यक्रमों का प्रभावी क्रियान्वयन संभाग में सुनिश्चित किया जाएगा। योजनाओं और कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
यह जानकारी शुक्रवार को यहां संभागायुक्त दीपक सिंह की अध्यक्षता में संपन्न हुई महिला एवं बाल विकास विभाग की संभागीय समीक्षा बैठक में दी गई। बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग की संयुक्त संचालक संध्या व्यास सहित संभाग के सभी जिलों में पदस्थ जिला कार्यक्रम अधिकारी और अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद थे।
बैठक में संभागायुक्त दीपक सिंह ने महिला एवं बाल विकास विभाग की विभागीय गतिविधियों, योजनाओं और कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की प्रगति की जिलेवार समीक्षा की। उन्होंने निर्देशित किया कि योजनाओं और कार्यक्रमों का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए। सभी पात्र महिला और बच्चों को योजनाओं और कार्यक्रमों का लाभ मिले। कोई भी महिला एवं बच्चा योजना के लाभ से वंचित नहीं रहे। उन्होंने कहा कि लापरवाही बरतने पर कार्यवाही की जाएगी।
उन्होंने संभाग में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, पर्यवेक्षकों और परियोजना अधिकारियों के स्वीकृत पदों, भरें हुए पदों और रिक्त पदों की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि रिक्त पदों की पूर्ति के लिए जल्द कार्रवाई पूरी की जाए। जब तक रिक्त पदों की पूर्ति नहीं हो, तब तक के लिए वैकल्पिक व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए। बताया गया कि संभाग में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के रिक्त 309, सुपरवाईजर के 110 और परियोजना अधिकारियों के रिक्त 26 पदों की पूर्ति के लिए प्रक्रिया चल रही है।
बैठक में संभागायुक्त दीपक सिंह ने कहा कि संभाग में कुपोषण से मुक्ति के लिए प्रभावी प्रयास किये जाए। सभी अधिकारी और कर्मचारी मानवीय सेवा भाव के साथ मिलकर प्रयास करें। कोई भी बच्चा कुपोषण से पीड़ित नहीं रहें। बच्चों के पोषण स्तर में सुधार के लिए लगातार प्रयास करें। कुपोषण से मुक्ति के लिए सभी जिले अपने-अपने नवाचारों को एक-दूसरे के साथ साझा करें। संयुक्त रूप से अभियान चलाये। बताया गया कि हर जिले कुपोषण से मुक्ति के लिए अपने-अपने स्तर पर नवाचार करते हुए अभियान संचालित कर रहे हैं। इसके अच्छे परिणाम भी मिल रहे हैं। अगर हर जिला मिलकर संयुक्त प्रयास करेंगे तो इसके जल्दी और अधिक बेहतर परिणाम सामने आयेंगे। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रत्येक आंगनवाड़ी में बच्चों की नियमित उपस्थिति हो। बच्चों में पोषण स्तर बनाये रखने के लिए नियमित रूप से भरपूर पोषण आहार हरेक बच्चें को पोषण आहार दिया जाना सुनिश्चित किया जाए।
बैठक में कुपोषण से मुक्ति के लिए झाबुआ जिले में संचालित मोटी आई अभियान की जानकारी विशेष रूप से दी गई। बताया गया कि यह अभियान झाबुआ जिले की सभी 2706 आंगनवाड़ी केन्द्रों में एक साथ संचालित किया जा रहा है। इस अभियान के अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा यह अभियान स्वास्थ्य और आयुष विभाग के साथ मिलकर क्रियान्वित किया जा रहा है। गाँव की चयनित महिलाओं को मोटी आई के रूप में बच्चों की मालिश और नियमित रूप से पोषण आहार देने की जवाबदारी दी गई है। बैठक में लाड़ली लक्ष्मी योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, समेकित बाल संरक्षण योजना और बेटी बचाओं-बेटी पढाओं अभियान की प्रगति की समीक्षा की गई।
(Udaipur Kiran) तोमर
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