देहरादून, 3 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । राज्य के असंगठित क्षेत्र, निर्माण स्थलों, घरेलू क्षेत्र और महिला श्रमिकों के रूप में कार्यरत के अलावा शहरी मलिन बस्तियों में निवासरत गर्भवतियों के प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) शुरू की गई है। इस योजना का लाभ लेने के लिए
प्रदेशभर में 4 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक पंजीकरण अभियान चलाया जाएगा।
गुरुवार को सचिवालय में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने एसडीजी इण्डेक्स-2023-24 के तहत महिला एवं बाल विकास एवं श्रम विभाग से संबंधित अपेक्षाकृत कम प्रदर्शन वाले इंडिकेटर्स की समीक्षा के दौरान 4 अक्टूबर से कार्य करने के निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने उक्त इंडिकेटर्स में सुधार के लिए महिला एवं बाल विकास व श्रम विभाग से संबंधित योजनाओं के युक्तिकरण के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने राज्य में मातृ मृत्यु दर, गर्भवती महिलाओं और किशोरियों में एनिमिया व बच्चों में कुपोषण की समस्या को कम करने के लिए सभी विभागों को समन्वित रणनीति से कार्य करने की हिदायत दी है।
मुख्य सचिव ने राधा रतूड़ी ने निर्धारित समय सीमा के भीतर असंगठित क्षेत्र में कार्यरत विशेषरूप से कम आय वर्ग की सभी गर्भवतियों की पीएमएमवीवाई की शत् प्रतिशत कवरेज सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही मुख्य सचिव ने श्रम विभाग को कर्मचारी राज्य बीमा (ईएसआई) की समीक्षा करने के भी निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव ने सचिव शहरी विकास को शहरी निकायों में कार्यरत कार्मिकों विशेषकर कम आय वर्ग वाले कर्मचारियों और सफाई कर्मचारियों को ईएसआई कवरेज सुनिश्चित करने के संबंध में तत्काल समीक्षा बैठक कर इस संबंध में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने महिला एवं बाल विकास विभाग को एएनएम की ओर से सभी गर्भवतियों के तीन एएनसी अनिवार्यतः करने और उनकी प्रसव के दौरान होने वाली मौत
का अनिवार्य रूप से डेथ ऑडिट करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने शहरी क्षेत्रों में विशेषरूप से मलिन बस्तियों एवं निर्माण स्थलों के निकट आंगनबाडियों की मैपिंग के निर्देश दिए हैं,ताकि पांच वर्ष की आयु से छोटे बच्चों में कुपोषण व कम वजन की समस्या का समाधान एवं गर्भवतियों को आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाएं व विभिन्न योजनाओं का लाभ मिल सके।
मुख्य सचिव ने महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा गर्भवतियों को वितरित करने वाले टेक होम राशन के तहत मिलेट्स को प्रोत्साहित करने की कार्ययोजना पर कार्य करने करने को कहा। बैठक में अपर सचिव प्रशांत आर्य और महिला और बाल विकास व श्रम विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
(Udaipur Kiran) / राजेश कुमार