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जम्मू, 9 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । शिवसेना हिंदुस्तान जम्मू-कश्मीर के अध्यक्ष पंडित राजेश केसरी ने जम्मू-कश्मीर में बढ़ते नशीली दवाओं के संकट पर चिंता जताई है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि विभिन्न प्रयासों के बावजूद यह क्षेत्र अपनी छिद्रपूर्ण सीमाओं और रणनीतिक स्थान के कारण मादक पदार्थों की तस्करी के लिए एक प्रमुख पारगमन बिंदु बना हुआ है।
अरनिया में एक पार्टी की बैठक में बोलते हुए केसरी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि जहाँ दोषसिद्धि दर और संपत्ति जब्ती में वृद्धि हुई है वहीं नशीली दवाओं की उपलब्धता और दुरुपयोग एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।
केसरी ने कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा की गई आक्रामक कार्रवाई की सराहना की। उन्होंने कहा कि 2024 में जम्मू-कश्मीर में नशीली दवाओं के तस्करों के लिए दोषसिद्धि दर 54 प्रतिशत तक पहुँच गई जो एक महत्वपूर्ण सफलता है। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि उसी वर्ष 12.04 करोड़ रूपये की अवैध संपत्ति जब्त की गई जिसमें 50 करोड़ रूपये की संपत्ति जब्ती प्रक्रियाओं से गुजर रही है।
उन्होंने कहा कि ये प्रयास अवैध नशीली दवाओं के व्यापार को बढ़ावा देने वाले वित्तीय नेटवर्क को खत्म करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।
मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आह्वान करते हुए केसरी ने नशीली दवाओं के व्यापार के खिलाफ शून्य सहनशीलता की शिवसेना हिंदुस्तान की मांग को दोहराया। उन्होंने अधिकारियों से स्कूलों और कॉलेजों के पास पान की दुकानों को हटाने और नशा मुक्त भारत अभियान जैसे कार्यक्रमों के तहत पुनर्वास प्रयासों को मजबूत करने का आग्रह किया।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा
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