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कलकत्ता हाई कोर्ट का सख्त आदेश : शत्रु संपत्तियों से अतिक्रमण तुरंत हटाने के निर्देश

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कोलकाता, 03 जनवरी (Udaipur Kiran) । कलकत्ता हाई कोर्ट ने शुक्रवार को एक अहम फैसले में कोलकाता में मौजूद ‘शत्रु संपत्तियों’ को अवैध कब्जे से मुक्त कराने का आदेश दिया है। हाई कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश टी.एस. शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने साफ तौर पर कहा कि इन संपत्तियों पर अवैध रूप से रहने वाले लोगों को तुरंत बेदखल किया जाए और बिना किसी देरी के अतिक्रमण हटाया जाए।

क्या हैं शत्रु संपत्तियां ?

शत्रु संपत्तियां उन लोगों की संपत्तियां हैं, जिन्होंने भारत के विभाजन के बाद पाकिस्तान या चीन का नागरिकता ले ली थी। सरकार ने ऐसी संपत्तियों को अपने नियंत्रण में ले लिया था, लेकिन अवैध कब्जाधारियों ने इन पर अपना ठिकाना बना लिया।

बिजली और पानी की आपूर्ति कटेगी –कोर्ट ने सीईएससी लिमिटेड (कोलकाता की निजी बिजली वितरण कंपनी) को निर्देश दिया कि इन संपत्तियों पर बने अवैध निर्माणों की बिजली आपूर्ति तत्काल काट दी जाए। इसके अलावा, कोलकाता नगर निगम को इन अवैध इमारतों की जल आपूर्ति भी बंद करने के आदेश दिए गए हैं।

पुलिस, नगर निगम और बिजली कंपनी की संयुक्त कार्रवाई –कोर्ट ने स्पष्ट किया कि कोलकाता पुलिस, नगर निगम और सीईएससी लिमिटेड की संयुक्त जिम्मेदारी होगी कि इन संपत्तियों को अवैध कब्जे से मुक्त कराया जाए।

28 फरवरी तक रिपोर्ट सौंपने का आदेश –कोर्ट ने संबंधित अधिकारियों को आदेश दिया है कि इस मामले की प्रगति रिपोर्ट 28 फरवरी तक प्रस्तुत करें।

उच्च न्यायालय में दाखिल जनहित याचिका

इस मामले में दाखिल जनहित याचिका में कोलकाता की आठ शत्रु संपत्तियों का उल्लेख किया गया था, जो सभी उत्तर कोलकाता में स्थित हैं। याचिका में कहा गया कि इन संपत्तियों पर बिल्डिंग विभाग की अनुमति के बिना अवैध निर्माण किए गए हैं और लोग वहां गैर-कानूनी तरीके से रह रहे हैं।

इस मामले में कोलकाता नगर निगम के वकील ने कोर्ट को बताया कि अतिक्रमण हटाने और अवैध निर्माण गिराने के लिए पुलिस सुरक्षा जरूरी होगी। इसके बाद खंडपीठ ने कोलकाता पुलिस को भी इस कार्रवाई में शामिल करने का आदेश दिया।

कोर्ट के इस फैसले के बाद अब कोलकाता में इन शत्रु संपत्तियों पर अवैध कब्जे हटाने की प्रक्रिया तेज होने की उम्मीद है।

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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