कोलकाता, 15 जुलाई (Udaipur Kiran) । कलकत्ता हाई कोर्ट ने बुधवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कुछ अन्य तृणमूल कांग्रेस नेताओं के खिलाफ राज्यपाल सीवी आनंद बोस की ओर से दायर मानहानि के मुकदमे की सुनवाई गुरुवार तक स्थगित कर दी। इस मामले की सुनवाई गुरुवार को होगी।
जस्टिस कृष्ण राव ने कहा कि मुकदमे में उल्लिखित प्रकाशनों को इसमें पक्ष नहीं बनाया गया है। बोस के वकील ने कहा कि राज्यपाल के खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगाए जा रहे हैं और उन्होंने ऐसा करने वालों के आगे बयान देने पर अस्थायी निषेधाज्ञा की मांग की है। बोस के वकील ने एक नया आवेदन दाखिल करने के लिए समय मांगा, जिसमें आवश्यक संशोधन शामिल होंगे। हाई कोर्ट ने अनुमति देते हुए कहा कि मामले की सुनवाई गुरुवार को होगी।
बोस ने 28 जून को बनर्जी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था, एक दिन बाद जब उन्होंने दावा किया कि महिलाओं ने उन्हें शिकायत की कि वे राजभवन जाने से डरती हैं क्योंकि वहां की गतिविधियों से वे असुरक्षित महसूस करती हैं। 27 जून को राज्य सचिवालय में एक प्रशासनिक बैठक के दौरान बनर्जी ने कहा था, महिलाओं ने मुझे सूचित किया कि वे हाल ही में राजभवन में हुई घटनाओं के कारण वहां जाने से डरती हैं।
बनर्जी की टिप्पणियों के बाद राज्यपाल ने कहा था कि सार्वजनिक प्रतिनिधियों से उम्मीद की जाती है कि वे गलत और अपमानजनक धारणाएं न बनाएं।
दो मई को, राजभवन की एक संविदा महिला कर्मचारी ने बोस के खिलाफ छेड़छाड़ का आरोप लगाया था, जिसके बाद कोलकाता पुलिस ने जांच शुरू की।
संविधान के अनुच्छेद 361 के तहत, किसी राज्यपाल के खिलाफ उसके कार्यकाल के दौरान कोई आपराधिक कार्यवाही नहीं की जा सकती।
(Udaipur Kiran) / ओम ब्रह्मर्षि / सुनीत निगम