Uttrakhand

नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्री खट्टर से मिले कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद, उत्तराखंड के विकास के लिए मांगी सहायता

नई दिल्ली में केंद्रीय शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर काे मांग पत्र साैंपते उत्तराखंड के शहरी विकास मंत्री डॉ. प्रेमचंद अग्रवाल।

– नई योजनाओं और परियोजनाओं के लिए मांगी धनराशि, सौंपा पांच सूत्रीय मांग पत्र

– राज्य के शहरी विकास को गति देने और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर जोर

देहरादून, 28 दिसंबर (Udaipur Kiran) । उत्तराखंड के शहरी विकास मंत्री डॉ. प्रेमचंद अग्रवाल ने शनिवार को केंद्रीय शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर से नई दिल्ली स्थित उनके आवास पर भेंट कर राज्य के विकास के लिए पांच सूत्रीय मांग पत्र सौंपा। इस मुलाकात में डॉ. अग्रवाल ने बाह्य सहायतित मद में पूर्व में दी गई धनराशि के लिए आभार व्यक्त करते हुए नई योजनाओं और परियोजनाओं के लिए धनराशि की मांग की।

स्वच्छ भारत मिशन के तहत 264 करोड़ का अनुरोध

डॉ. अग्रवाल ने राज्य में स्वच्छता से संबंधित परियोजनाओं के लिए कुल 264 करोड़ रुपये की मांग की। इसमें देहरादून के शीशमबाड़ा में लिगेसी वेस्ट के निस्तारण के लिए 50 करोड़ रुपये, देहरादून, ऋषिकेश और काशीपुर में सीएंडडी वेस्ट के निस्तारण के लिए 21 करोड़ रुपये और नवगठित 13 नगर निकायों के ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए 193 करोड़ रुपये का अनुरोध शामिल है।

जलापूर्ति के लिए 490.42 करोड़ की मांग

अमृत योजना के अंतर्गत राज्य के सात नगर निकायों को जलापूर्ति से पूर्ण आच्छादित करने के लिए 490.42 करोड़ रुपये की मांग की गई। साथ ही 16 नगर निकायों की जलापूर्ति परियोजनाओं के लिए 1089 करोड़ रुपये की अतिरिक्त वित्तीय सहायता का भी अनुरोध किया गया।

प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के लिए 480 करोड़ का अनुरोध

डॉ. अग्रवाल ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 480 करोड़ रुपये की मांग करते हुए पहाड़ी क्षेत्रों में आवास निर्माण में आ रही कठिनाइयों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि लाभार्थी अंश के अधिक होने के कारण कम आय वर्ग के लोग इस योजना से बाहर हो रहे हैं। उन्होंने प्रति आवास निर्माण राशि को 4 लाख रुपये तक बढ़ाने का अनुरोध किया।

चारधाम नगर निकायों के लिए 200 करोड़ की विशेष मांग

चारधाम यात्रा के मुख्य केंद्रों- गंगोत्री, बद्रीनाथ और केदारनाथ के प्रशासन और संचालन के लिए 200 करोड़ रुपये की धनराशि का अनुरोध किया गया। साथ ही इन क्षेत्रों में चलायमान जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय वित्त आयोग से अनुदान की गणना में सुधार का अनुरोध किया गया।

वाह्य सहायतित परियोजनाओं के लिए 3300 करोड़ की मांग

डॉ. अग्रवाल ने देहरादून-मसूरी क्षेत्र में यातायात सुधार और पर्यावरण-अनुकूल सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था के लिए 1750 करोड़ रुपये की मांग की। इसके अलावा, उधमसिंहनगर और पिथौरागढ़ में पेयजल और शहरी बुनियादी ढांचे के लिए यूरोपियन इन्वेस्टमेंट बैंक से ऋण शीघ्र स्वीकृत कराने की अपील की।

कठिनाइयों का उल्लेख और त्वरित सहायता की मांग

डॉ. अग्रवाल ने पर्वतीय निकायों में संपत्ति कर संग्रहण की सीमित क्षमता और शहरी निकायों के समक्ष आ रही समस्याओं को रेखांकित किया। उन्होंने स्वचालित सफाई मशीनों के लिए 50 करोड़ रुपये की मांग करते हुए कहा कि यह चलायमान जनसंख्या वाले क्षेत्रों में स्वच्छता बनाए रखने के लिए आवश्यक है।

(Udaipur Kiran) / कमलेश्वर शरण

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