भोपाल, 4 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि रानी दुर्गावती, राष्ट्र प्रेम और महिला सशक्तिकरण को प्रतीक थीं। हमें गौरवान्वित होना चाहिये कि हमारी वीरांगना रानी दुर्गावती ने देश की उस समय की कठिन परिस्थितियों में न केवल सुशासन बल्कि वीरता की भी बड़ी मिसाल पेश की। उनके सम्मान में संग्रामपुर में मंत्रि-परिषद की बैठक हो रही है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शुक्रवार को अपने बयान में कहा कि गोंड साम्राज्य की वीरांगना रानी दुर्गावती की 500 वीं जन्म वर्षगाँठ के अवसर पर हमने पूरे साल अलग-अलग प्रकार के कार्य करने का निर्णय किया था। मुझे इस बात का संतोष है कि सरकार के गठन के साथ ही जनवरी को पहली कैबिनेट बैठक रानी दुर्गावती और वीरांगना रानी अवंतीबाई के नाम पर जबलपुर में की थी। उसके बाद अब शनिवार, 05 अक्टूबर को जन्म दिवस के अवसर पर वीरांगना रानी दुर्गावती की पहली राजधानी सिंग्रामपुर में मंत्रि-परिषद की बैठक हो रही है।
उन्होंने कहा कि देश के सभी विरोधियों से न केवल डटकर मुकाबला किया बल्कि सुशासन की भी मिसाल पेश की। महिला सशक्तिकरण की दिशा में इससे बड़ा उदाहरण कोई नहीं हो सकता है कि रानी दुर्गावती ने अपने राज्य की रक्षा करते हुए एक प्रकार से बहनों को साथ लेकर सेना का नेतृत्व किया। दुश्मनों से मुकाबला किया, जब मौका मिला तो देश पर अपने आपको कुर्बान कर दिया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इस अवसर पर श्रीअन्न प्रोत्साहन की एक नई योजना का शुभारंभ भी हो रहा है जिसमें वर्ष 2024-25 में कोदो-कुटकी उत्पादक किसानों को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके लिए मोटे अनाज की फसलों का उत्पादन करने वाले किसानों की राज्य सरकार मदद करेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इन सभी गतिविधियों के पीछे भाव यह है कि हम अपने अतीत के उन सभी गौरवाशाली महापुरुषों और वीरांगनाओं को याद करें जिनसे हमारा देश और प्रदेश गौरवान्वित हुआ है।
(Udaipur Kiran) तोमर