नई दिल्ली, 17 जनवरी (Udaipur Kiran) । केन्द्र सरकार विशाखापत्तनम स्टील प्लांट का जीर्णोधार करने जा रही है। इसके लिए 11,440 करोड़ रुपये तय किए हैं। वर्तमान में कंपनी की 26 हजार करोड़ से अधिक की देनदारी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने इसे अपनी मंजूरी प्रदान कर दी है।
विशाखापत्तनम प्लांट को संचालित करने वाली राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटिड (आरआईएनएल) भारत सरकार के शत प्रतिशत स्वामित्व के साथ इस्पात मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम है। इसकी तरल स्टील की स्थापित क्षमता 7.3 एमटीपीए है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि विशाखापत्तनम स्टील प्लांट का आंध्र प्रदेश के लोगों के दिल और दिमाग में एक विशेष स्थान है। मोदी ने कहा कि कल की कैबिनेट बैठक के दौरान प्लांट के लिए 10,000 करोड़ रुपये से अधिक की इक्विटी सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया गया। आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में स्टील सेक्टर के महत्व को समझते हुए ऐसा किया गया है।
एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड (आरआईएनएल) में इक्विटी पूंजी के रूप में 10,300 करोड़ रुपये निवेश किए जायेंगे। आरआईएनएल को चालू रखने के लिए 1140 रुपये करोड़ कार्यशील पूंजी ऋण भी दिया जाएगा।
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(Udaipur Kiran) / अनूप शर्मा